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शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ का अनिश्चितकालीन धरना 14वें दिन भी रहा जारी

The indefinite strike of the Education Department Employees Union continued for the 14th day

बीकानेर के भाजपा सांसद, मंत्रियों, विधायकों, जिलाध्यक्षों को सौंपा ज्ञापन 

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ का अनिश्चितकालीन धरना 14वें दिन भी रहा जारी, शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान बीकानेर के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य एवं प्रदेश संस्थापक मदन मोहन व्यास के नेतृत्व में मंत्रालयिक संवर्ग की डीपीसी एवं पदस्थापन हेतु ऑनलाईन काउंसलिंग की मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना रविवार को 14वें दिन जारी रहा।

धरने पर मदन मोहन व्यास प्रदेश संस्थापक, कमलनारायण आचार्य प्रदेशाध्यक्ष, गिरजाशंकर आचार्य कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष, विष्णुदत पुरोहित प्रदेश परामर्शक, नवरतन जोशी प्रदेश कोषाध्यक्ष आदि बैठे तथा धरने के समर्थन में जितेन्द्र गहलोत प्रदेश महामंत्री महासंघ स्वतंत्र, कमलनयन सिंह, अजमल हुसैन एवं गोविन्द सिंह, उमेश आचार्य आदि निदेशालय प्रारम्भिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा के कर्मचारी शामिल हुए।

प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने बताया कि शिक्षा प्रशासन एवं राज्य सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है लेकिन वास्तव में मांगों पर निर्णयात्मक कार्यवाही नहीं कर रही है, कर्मचारियों को हजारो रूपये का प्रतिमाह नुकसान उठाना पड़ रहा है, इससे शिक्षा विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।

जनप्रतिनिधियों को सौंपा ज्ञापन

उहोंने बताया कि रविवार को बीकानेर सांसद एवं कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, खादय् एवं आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा, शहर भाजपा अध्यक्ष विजय आचार्य, बीकानेर देहात जालम सिंह भाटी, जिला महामंत्री भाजपा श्याम पंचारिया, सिद्धि कुमारी विधायक बीकानेर पूर्व, जेठानन्द व्यास विधायक बीकानेर पश्चिम, अंशुमान सिंह भाटी विधायक कोलायत, ताराचन्द जी सारस्वत विधायक  डूंगरगढ, विश्वनाथ मेघवाल विधायक खाजूवाला के आवास पर ज्ञापन दिया गया। भाजपा एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ नेता जानकी नारायण श्रीमाली को भी मांगों के बारे में अवगत कराया गया।

आचार्य ने बताया कि केडर रिव्यु के आधार पर मूल पदों में किये गये संशोधनों के अनुसार 01.04.2017 एवं 01.04.2023 से संशोधित डीपीसी करने, लोक सेवा आयोग 1986 परीक्षा में चयनित कार्मिकों एवं तीन सन्तान मामलों में न्यायालय निर्णयों एवं राज्य सरकार के निर्देशों की विभाग के द्वारा की गई अवहेलना की उच्च स्तरीय जांच कराने के साथ-साथ सभी बकाया मामलों में 2023-24 तक की रिव्यु डीपीसी के पश्चात ही 2024-25 की नियमित डीपीसी करने तथा पदस्थापन आॅनलाईन काउंसलिंग के माध्यम से करने की मांग की गई है।

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