Home समाचार सेवा बीकानेर रोटरी पुरस्कार समारोह में राजस्‍थानी भाषा के साहित्यकार हुए पुरस्कृत

रोटरी पुरस्कार समारोह में राजस्‍थानी भाषा के साहित्यकार हुए पुरस्कृत

Rajasthani language litterateurs were rewarded at the Rotary Award ceremony

बीकानेर, (समाचार सेवा)। रोटरी पुरस्कार समारोह में राजस्‍थानी भाषा के साहित्यकार हुए पुरस्कृत, रोटरी क्लब बीकानेर का राज्यस्तरीय राजस्थानी भाषा पुरस्कार समारोह शनिवार सुबह रोटरी भवन में सम्पन्न हुआ। समारोह में क्लब द्वारा प्रतिवर्ष दिये जाने वाले राजस्थानी भाषा साहित्य के वर्ष 2020-21 व 2021-22 के चयनित साहित्यकारों को पुरस्कारों से समादृत किया गया।

कार्यक्रम की अध्‍यक्षता रोटरी अध्यक्ष प्रांतपाल संजय मालवीय ने की। विशिष्ट अतिथि कवि सरल विशारद रहे। समारोह के दौरान अतिथियों ने साहित्‍यकार लक्ष्मणदान कविया, खैण और देवकिशन राजपुरोहित चम्पाखेड़ी को उनके समग्र राजस्थानी साहित्यिक अवदान के लिए 51 हजार रुपये का  ‘कला-डूंगर कल्याणी राजस्थानी शिखर पुरस्कार अर्पित किया गया।

इसी प्रकार महाजन नवासी साहित्‍यकार मदनगोपाल लढा तथा जोधपुर की किरण राजपुरोहित ‘नितिला’ को 21 हजार रु. का ‘खींवराज-मुन्नीलाल सोनी राजस्थानी गद्य पुरस्कार’ अर्पित किया गया। समारोह में बीकानेर की कवयित्री मोनिका गौड बीकानेर व जोधपुर के सत्यदेव संवितेन्द्र को 11 हजार रु. का ‘बृज-उर्मी अग्रवाल राजस्थानी पद्य पुरस्कार अर्पित किया गया।

इससे पूर्व मनीषा आर्य सोनी, रवि पुरोहित, राजुराम बिजारणिया, सुधा सारस्वत, शंकरसिंह राजपुरोहित व बुलाकी शर्मा ने पुरस्कृत साहित्यकारों का परिचय दिया। किशोरसिंह राजपुरोहित ने संचालन किया। दिनेश आचार्य ने आभार जताया।

समारोह में अरुण प्रकाश गुप्ता, राजेश चुरा, विजय हर्ष, सुनील गुप्ता, एस.जी. सोनी, मनमोहन कल्याणी, पृथ्वीराज रतनू, मधु आचार्य, डॉ. गौरीशंकर प्रजापत, डॉ. नमामि शंकर आचार्य, नीरज दईया, कमल रंगा, अजय जोशी, हरीश बी. शर्मा, नीलम कल्याणी, नयनतारा छलाली, शुक्ला बाला पुरोहित, मंजु सारस्वत, डॉ. कृष्णलाल बिश्नोई, शशि मोहन मुंधड़ा, सत्यनारायण राजपुरोहित ‘राजस्थानी’ उपस्थित रहे।

समारोह आयोजकों ने बताया कि गत वर्ष कोरोना महामारी के कारण आयोजन संभव नहीं हो पाया था इसलिए इस वर्ष दो वर्षों के पुरस्कार एक साथ अर्पित किये गए। उन्‍होंने बताया कि रोटरी क्लब बीकानेर विगत 6 वर्षों से राजस्थानी साहित्य पुरस्कार, वाद-विवाद प्रतियोगिताएं, कवि सम्मेलन और लोक कलाओं का प्रदर्शन आदि करवाती रही है।