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प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल की पुस्तक राइजः कोविड स्टोरीज आफ हेमांग राष्ट्र का हुआ लोकार्पण

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सकारात्मक सृजनधर्मिता समाज के लिए लाभदायक : डॉ. महेश चन्द्र शर्मा

बीकानेर, (samacharseva.in)। प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल की पुस्तक राइजः कोविड स्टोरीज आफ हेमांग राष्ट्र का हुआ लोकार्पण, महाराजा गंगासिंह विश्‍व विश्वविद्यालय बीकानेर के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्‍यक्ष प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल की पुस्‍तक राइजः कोविड स्टोरीज आफ हेमांग राष्ट्र का वर्चुअल लोकार्पण सोमवार को मुख्‍य अतिथि राज्‍यसभा के पूर्व सांसद, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष, शिक्षाविद् एवम् सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. महेशचन्‍द्र शर्मा ने किया।

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संतोष कंवर शेखावत, प्रो. सुशील कुमार शर्मा, प्रो. श्रुतिदत्त्य‍ शर्मा, डॉ. दिव्या जोशी।

समारोह में मुख्‍य अतिथि डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रस्तुत पुस्तक ’राइज कोविड स्टोरीज आंव हेमांग राष्ट्र’ एक सराहनीय सृजनधर्मी प्रयास है। पुस्‍तक लेखक डॉ. अग्रवाल ने कोरोना काल के दौरान उत्पन्न सकारात्मकता जिसने समाज को बांधे रखा है, को बखूबी प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।”

डॉ. शर्मा ने कहा कि “साहित्य समाज का दर्पण होता है किन्तु कुछ साहित्यकारों द्वारा इसे समाज की नकारात्मकता अभिव्यक्त करने का ही माध्यम बना लिया गया है, इन रचनाओं में दिखाया जाता है कि समाज में कुछ भी ठीक नहीं है, इससे समाज में विखराव की स्थिति पैदा हुई है।

डॉ. शर्मा ने कहा कि इस मायने में डॉ. अग्रवाल की पुस्‍तक सकारात्‍मक पक्ष रखती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वी.के. सिंह ने कहा  कि पुस्तक “राइज” एक राष्ट्रीय संभाषण है। कहानियों के सभी पात्र राष्ट्रीयता से ओतप्रोत है।

megh-3-300x75 प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल की पुस्तक राइजः कोविड स्टोरीज आफ हेमांग राष्ट्र का हुआ लोकार्पण
संतोष कंवर शेखावत, प्रो. सुशील कुमार शर्मा, प्रो. विनोद कुमार सिंह, डॉ. महेशचन्द्रव शर्मा, प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल, प्रो.परमेन्द्र कुमार दशोरा, प्रो. श्रुतिदत्त्त‍ शर्मा, डॉ. दिव्या जोशी।

विशिष्ट अतिथि कोटा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. पी.के. दशोरा ने कहा कि “राइज” नामक कहानी संग्रह कोरोनाकाल एवम् लॉक डाउन को पृष्ठभूमि में रखकर मनुष्य के मनुष्य के रूप में कृत्तित्व की सशक्त अभिव्यक्ति है।

हिमाचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व अंग्रेजी के आचार्य प्रो. एस.डी. शर्मा ने कहा कि लेखक डॉ. अग्रवाल ने उस भारतीय चरित्र को व्यक्त किया है जो इसे संकट एवम् कठिनाई के समय में एक जुट रहने एवम् पारस्परिक सहयोग के लिये प्रेरित करता है।

इलाहबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेजी के वरिष्ठ आचार्य प्रो. एस. के. शर्मा ने कहा कि डॉ. अग्रवाल ने पुस्तक को “इंगलिश” में नहीं अपितु भारतीय परिवेश के अनुरूप “हिंगलिश” एवम् आंइगलिश” में लिखने का प्रयास किया है। पत्रकार दिनेश स्वामी ने कहा कि  पुस्‍तक की कहानियाँ कोरोना काल के दृश्यों को पाठक के समक्ष प्रभावी रूप में प्रस्तुत करने में सफल रही है।

डूंगर महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या डॉ कृष्णा तोमर ने कहा कि पुस्तक कोविड काल का ग्रंथ है। एमजीएसयू के इतिहास विभाग की डॉ मेघना शर्मा ने कहा इस पुस्तक में आर. के. नारायण के मालगुडी की तरह एक काल्पनिक नगर श्रीधर नगर की बात की गई है। इसके आसपास कहानियों के सभी चरित्र घूमते हैं और जो महामारी काल का बखूबी प्रतिनिधित्व करते हैं।

अंग्रेजी विभाग की डॉ प्रगति सोबती ने भी विचार रखे। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. दिव्या जोशी ने किया। सहायक आचार्य श्रीमती संतोष कँवर शेखावत ने आभार जताया।

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