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पारिवारिक पेंशन के लिये दर-दर भटक रही है शायर दीन मोहम्मद मस्तान बीकानेरी की बेटी

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पारिवारिक पेंशन के लिये दर-दर भटक रही है शायर दीन मोहम्मद मस्तान बीकानेरी की बेटी

 

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दैनिक नवज्‍योति बीकानेर 25 जुलाई 2018 अंक

स्व. दीन मोहम्मद की सर्विस बुक सीआईडी कार्यालय से हुई गायब

दो बार पारिवारिक पेंशन का आवेदन देने के बावजूद सुनवाई नहीं

पिता के नाम के बनाया मस्तान चौक, बेटी की नहीं सुन रही सरकार

बीकानेर, (समाचार सेवा)। सरकारें बेटी बचाओ के नारे को भले ही बुलंद करती हो मगर सरकारी कारिंदे बेटियों को बचाने के बुनियादी काम में इतनी उदासीनता बरतते हैं कि बेटियों को अपने हक को प्राप्त करने के लिये भी बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

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ऐसी ही कहानी है बीकानेर के मशहूर शायर व पुलिस विभाग में हैड कांस्टेबल रहे स्व. दीन मोहम्मद मस्तान बीकानेरी की बेटी मेहरुनिशा की जो अपने पति, पिता व माता की मौत के बाद बीकानेर की सीआईडी (वि.शा.) में हैड कांस्टेबल रहे अपने पिता मस्तान साहब की पारिवारिक पेंशन पाने के लिये दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।

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जिस सीआईडी विभाग में उसके पिता ने वर्षों काम किया वहां के लोग आज मस्तान साहब की सर्विस डायरी तक सम्हाल कर नहीं रख पाये हैं। इस कारण भी मेहरूनिशा को पेंशन पाने में विलंब हो रहा है। सीआईडी जोन बीकानेर विभाग की अपने पूर्व कर्मचारियों के प्रति बरती जा रही लापरवाही यहीं समाप्त नहीं होती है।

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जब मस्तान साहब की बेटी मेहरुनिशा ने गत वर्ष अप्रैल माह में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीआईडी आईजी जोन बीकानेर कार्यालय में पारिवारिक पेंशन का आवेदन प्रस्तुत कर दिया और कुछ समय बाद आवेदन पर प्रगति की जानकारी मांगी तो विभाग ने यह कह दिया कि उनका आवेदन खो चुका है।

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मजबूर मेहरुनिशा ने इस वर्ष 2 जनवरी 2018 को दुबारा आवेदन किया मगर इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जब मेहरुनिशा के रिश्तेदार व मस्तान साहब के चाहने वाले इस मामले में वाले सीआईडी विभाग वालों से बात करते हैं तो बाद में मेहरूनिशा के परिजनों को ही धमकाया जाता है कि इस तरह लोगों को यहां भेजोगे तो पांच साल भी तुम्हारा पेंशन प्रकरण लटका कर रखेंगे।

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हकीकत यह है कि पेंशन आवेदन देने के बाद में विभाग ने मेहरूनिशां को अब तक यह नहीं बताया है कि उस पर उन्होंने क्या कार्रवाई की। ना ही वो प्रकरण को पेंशन निदेशालय भेजने की कोई प्रति उसे उपलब्ध करा रहे हैं। परेशान मेहरुनिशा केवल विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर है।

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* कलक्टर सतर्कता को भी लगाई गुहार

शायर मस्तान बीकानेरी की बेटी ने अपने हक की पारिवारिक पेंशन पाने के लिये कलक्टर सतर्कता को भी लिखित आग्रह किया। पत्र में उसने कलक्टर को बताया कि सीआईडी जोन बीकानेर में आवेदन करने के बाद भी उसे नहीं बताया जा रहा है कि उसके पेंशन प्रकरण की प्रगति क्या है।

उसने बताया कि पिछले डेढ वर्ष से वह पेंशन आवेदन करने के बाद विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर है। राज्य सरकार के आदेशानुसार देय पारिवारिक पेंशन को पाने के लिये मेहरूनिशा को अपने पिता के कार्यालय में ही बार बर चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कभी कहा जाता है उसका पेंशन आवेदन गुम हो गया तो कभी कहा जाता है उसके पिता की सर्विस बुक विभाग में गुम हो गई है।

अब इस वर्ष जनवरी माह में स्पीड पोस्ट से आवेदन भेजने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उसका पारिवारिक पेंशन प्रकरण अतिरिक्त निदेशक पेंशन एवं पैंशनर कल्याण विभाग को अग्रेषित नहीं किया जा रहा है।

* मेहरूनिशां इस तरह है पारिवारिक पेंशन की हकदार

जानकारी के अनुासर स्व. दीन मोहम्मद मस्तान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीआईडी आईजी जोन बीकानेर कार्यालय में हैड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे। उनके एक जवांई का 2 दिसंबर 1977 को निधन होने के बाद बेटी मेहरूनिशा भी उनके साथ रहने लगी।  17 अक्टूबर 1983 को मस्तान साहब का भी निधन हो गया।

बाद में मस्तान साहब की पत्नी का भी निधन 10 दिसंबर 2002 को हो गया। अब पारिवारिक पेंशन की हकदार विधवा पुत्री के नाते मेहरुनिशा ही है जो मस्तान साहब के साथ रहती थी। विभाग को आवेदन किए जाने के बावजूद पेंशन का प्रकरण अब तक सुलझाया नहीं जा सका है।

मेहरुनिशा को विधवा पेंशन के रूप में 500 रुपये महीने मिलता है मगर इस पेंशन में आज के समय में 66 वर्ष पूरे कर चुकी मेहरुनिशा का गुजारा संभव नहीं है। जहां शायर मस्तान रहते थे उस मोहल्ले का नाम मस्तान चौक कहा जाता है। मस्तान साहब के अनेक शागीर्द भी है। बस बेटी की परेशानी कोई नहीं समझ रहा।

* इनका कहना है

हमारा बेड इंटेशन नहीं है। हमने स्व. दीन मोहम्मद की सेवा पुस्तिका बहुत ढूंढ़ी। 37 साल पुराना रिकार्ड है, सेवा पुस्तिका नहीं मिल रही है। उनकी बेटी ने पेंशन प्रकरण के साथ स्व. दीन मोहम्मद का जो पीपीओ लगाया था उसके आधार पर दो तीन अन्य दस्तावेज तथा मेहरूनिशां के प्रकरण के संबंध में कलक्टर सतर्कता से मिला पत्र संलग्न कर हमने पेंशन प्रकरण पेंशन निदेशालय जयपुर भेज दिया है।

आगे का काम पेंशन निदेशालय से ही होना है। हमारे हाथ में कुछ नहीं है।

बेनी माधव

सहायक लेखाधिकारी

सीआईडी (वि.शा.) जोन

बीकानेर।

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