×

बीकानेर में हुआ बहुभाषी नाटक मॉनो उन्थ मुखोर हृदोय का मंचन

Multi-lingual play Mono Unth Mukhor Hridoy staged in Bikaner

बीकानेर, (समाचार सेवा)। बीकानेर में हुआ बहुभाषी नाटक मॉनो उन्थ मुखोर हृदोय का मंचन, रविन्द्र रंगमंच पर सोमवार की शाम को उपन्यासकार येशे दोरेजी थोंग्चे और निर्देशक गुणमणि बरुआ के बहुभाषी नाटक मॉनो उन्थ मुखोर हृदोय का मंचन हुआ।

लगभग एक घंटा 40 मिनट के नाटक का बीकानेर के दर्शकों ने जमकर लुत्फ उठाया।

नाटक में धुव्र पंडित ने दीपक पंडित, पुरोस्मिता बोदौलाई ने यामा, भास्कर सैकिया ने रिन्सिन, प्रणामी मोहन ने रिरिंग जंगमू, हेमांगा रंजन बोरा ने ताड़क, दीपाशा फुकन ने यादो,

तरुण तीर्था सैकिया ने जिंगमो, परस्मिता बरुआ ने जंगमु, हर्षदीप सिंह जड़ेजा ने साहेब, रूपज्योति लहयन ने ताकर और इंदिरा कालिता ने मांग्फा की भूमिका निभाई।

बाहागी बरुआ, अंजेलिना बरुआ, कृष्णाश्री भुयन और भार्गव गोस्वामी ने कोरस में संगत की।

संगीत गुणमणि बरुआ और नयनमोमी सैकिया ने दिया। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा आयोजित पूर्वोत्तर राष्ट्रीय नाट्य समारोह के तीसरे दिन सोमवार को नाटक मॉनो उन्थ मुखोर हृदोय का मंचन हुआ।

समारोह में संजय पुरोहित, रंगकर्मी सुधेश व्यास, दयानन्द शर्मा, डॉ. असित गोस्वामी, बुलाकी सेवग, अशोक जोशी, तरुण गौड़, भरत राजपुरोहित, अमित गोस्वामी, संगीता शर्मा, सौरभ कुमावत, काननाथ, मांगीलाल गोदारा, विकास शर्मा, प्रहलाद आदि मौजूद रहे।

समारोह संयोजक रामजी बाली ने बताया कि इस श्रृंखला में मंगलवार को आशापुरा नाट्य संस्थान की नौटंकी शहजादी रम्मत का मंचन होगा।

Share this content:

You May Have Missed

error: Content is protected by SITInovations!!