विधायक जेठानंद व्यास बोले, शुभ दिवसों पर केक काटने की परंपरा हो बंद
भैरूंजी के नाम की आड़ पर शराब का सेवन भी गलत
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। शुभ दिवसों पर केक काटने की परंपरा हो बंद- जेठानन्द व्यास, भारतीय जनता पार्टी के नेता व बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित विधायक जेठानंद व्यास ने देवी-देवताओं जयंती कार्यक्रमों तथा बच्चों के जन्मदिन पर केक काटे जाने की परंपरा को गलत बताते हुए इसे बंद करने का आव्हान किया है। व्यास के अनुसार ऐसे शुभ दिवसों पर हमें केक काटने की बजाय घी के दीपक जलाने चाहिये।
व्यास मंगलवार को रमक झमक संस्था की ओर से भैरव अष्टमी पर आयोजित भैरव दरबार के दौरान अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि जन्म दिन स्वयं का हो या देवी देवताओं का केक काटने की परम्परा गलत चल पड़ी है। इसे बंद कर घी का दीपक जलाना चाहिये। विधायक व्यास ने कहा सुबह सूर्योदय से पहले उठने की आदत डाली चाहिये। संत भावनाथ महाराज ने कहा कि भैरव के नाम की आड़ पर शराब का सेवन गलत है।
*विधायक ने लगाए भैरूंनाथ बाबे के जयकारे
प्रहलाद ओझा भैरुं ने कहा कि कलिकाल में भैरव अपने भक्तों का भय संकट शीघ्र दूर करने सक्षम है। इससे पूर्व नवनिर्वाचित विधायक व भाजपा नेता जेठानंद व्यास ने मंगलवार को रमक झमक स्थित भैरव दरबार में भैरूं बाबे की आरती में शामिल होकर भैरूंनाथ बाबे की जय के जयकारे लगाए। रमक झमक स्थित भैरव दरबार में मंगलवार अल सुबह से भैरव यज्ञ शुरू हुआ जो दिन भर चला।
*यज्ञ में शामिल हुए भावनाथ महाराज
भैरव साधक प्रहलाद ओझा भैरुं ने भैरव शतनाम व भैरव मूल मंत्रों से आहुतियां दी। प्रहलाद ओझा भैरुं ने बताया कि भैरव अष्टमी के अवसर पर रमक झमक स्थित भैरव दरबार में किये गए यज्ञ में नवनिर्वाचित विधायक जेठानन्द व्यास व संत भावनाथ महाराज शामिल हुवे। यहां काल भैरव के मंत्रों से आहुतियां दी तथा गुलाब पुष्प से अर्चन किया तथा आरती की।
उन्होंने बताया कि आरती में रोहित मिश्रा, श्रीवत्स पांडे, रिंकू मिढा, कुमारी इल्यासा, भंवरी देवी, रामप्यारी, विजय लक्ष्मी, हेमंत सोनी, डिम्पल सोनी गोविंद छंगाणी व महावीर सिंह राजपूत सहित अनेक गणमान्य एवं भैरव भक्त शामिल हुवे।
*द्धालुओं को बांटी भैरव तुम्बड़ी पुस्तकें
काल भैरव महोत्सव में सुशील किराडू, महावीर ओझा, राधाकृष्ण ओझा, कु. माया, कु. सुषमा, श्रीमती इंदु वर्मा, कुमार गोविंद ने विधायक व्यास एवं संत भावनाथ महाराज को शाल, रमक झमक ओपरणा, श्रीफल, तुम्बड़ी पुस्तक तथा रुद्राक्ष माला पहनाकर स्वागत किया।
लक्ष्मी ओझा एवं रामकवरी ओझा ने उपस्थित भक्तों एवं श्रद्धालुओं को भैरव तुम्बड़ी पुस्तकें बांटी। राधे ओझा ने रात को शाम को श्रंगार कर दीपमाला की।
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