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खादी एक कपड़ा नहीं, विचार है – डॉ. कल्‍ला

खादी एक कपड़ा नहीं, विचार है – डॉ. कल्‍ला

बीकानेर, (समाचारसेवा)खादी एक कपड़ा नहीं, विचार है – डॉ. कल्‍ला, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने कहा कि खादी कपड़ा नहीं एक विचार है। डॉ. कल्‍ला मंगलवार को गंगाशहर स्थित सामुदायिक भवन में खादी ग्रामोद्योग ओर से मिट्टी के बर्तन बनाने में जुटे कलाकारों को इलेक्ट्रॉनिक और सौर ऊर्जा से चलने वाले चाक वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने हर हाथ को काम देने के लिए खादी को एक विचार के रूप में स्थापित किया। डॉ. कल्‍ला ने कहा कि मिट्टी से बर्तन, मूर्तियों बनाने की कला को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए फाइन आर्ट से जोड़ते हुए आधुनिक तकनीक अपनाने की आवश्यकता है।  इलेक्ट्रॉनिक चाक के जरिए इस कला को एक नया रूप देने का प्रयास किया गया है।

सौर ऊर्जा से भी चाक चलाए जाने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा आज की आवश्यकता है, प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन की अपार संभावनाएं है और अगले 3 साल में राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा के माध्यम से 30 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। उन्‍होंने कहा कि मिट्टी भी हमें जड़ों से जोड़ती है और पर्यावरण संरक्षण में भी इसकी अहम भूमिका है।

मिट्टी के बर्तन और कलाकृतियां बनाने में जुटे कलाकार इस कला को एक नया आयाम देकर अपनी आजीविका सुधारने के साथ-साथ और लोगों को भी इससे जुड़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इस अवसर पर त्रिलोकी कल्ला, चंपालाल गेदर, गोपाल गहलोत, रामदयाल पंचारिया, शिवचंद परिहार, सुशील सुथार, नंदू गहलोत सहित विभिन्न गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।