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डॉ. बी. डी. कल्ला ने महानंद तलाई में किया नए ट्यूबवैल का शिलान्यास

Dr. B.D. Kalla lays foundation stone for new tubewells in Mahananda Talai

बीकानेर, (समाचार सेवा)। डॉ. बी. डी. कल्ला ने महानंद तलाई में किया नए ट्यूबवैल का शिलान्यास, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने शुक्रवार को बीकानेर में महानंद तलाई स्थित नए ट्यूबवैल के शिलान्यास मुख्य अतिथि के रूप में किया।

उन्होंने बताया कि इस टयूबवैल पर 25 लाख से अधिक रुपए खर्च होंगे तथा महानंद तलाई के आसपास रहने वाले 20 हजार से अधिक व्यक्तियों को गुणवत्ता युक्त पेयजल उपलब्ध हो सकेगा।

समारोह में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने विभाग के अधिकारियों से कहा कि महानंद जी तलाई में ट्यूबवैल का निर्माण 4 दिन पूरा करते हुए अगले 10 दिनों में पानी की आपूर्ति इस ट्यूबवेल के माध्यम से प्रारंभ हो जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस ट्यूबवेल 25 लाख 80 हजार रुपए विभाग द्वारा खर्च किए जाएंगे।

डॉ. कल्ला ने कहा कि बीकानेर में अगले 10 दिन में एक और ट्यूबवैल कार्य करना प्रारंभ कर देगा, जिससे एक बड़ी आबादी को पीने का पानी और अधिक मात्रा में मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बीकानेर में 13 नए ट्यूबवेल स्वीकृत किए गए हैं। डॉ. कल्ला ने कहा कि जल्द ही बीकाजी की टेकरी के पास, रघुनाथ मंदिर परिसर के पास एक और ट्यूबवेल का निर्माण करवाया जाएगा।

इसके लिए आवश्यक धनराशि और तकनीकी स्वीकृति शीघ्र ही जारी कर दी जाएगी। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में इंदिरा गांधी नहर परियोजना में 70 दिन के लिए पानी की आपूर्ति बंद रहेगी। इसकी मुख्य वजह 122 किलोमीटर नहर की मरम्मत का कार्य होना है। उन्होंने कहा कि मरम्मत का कार्य हो जाने के बाद राजस्थान को आवश्यक मात्रा में नहरी जल निर्बाध रूप से मिल सकेगा।

डॉ कल्ला ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि नहर बंदी के दौरान पानी का इस्तेमाल सोच समझ कर करें और  दूसरों को समझाइश करते हुए राज्य सरकार का सहयोग करें।  जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता दिलीप गौड तथा भूजल वैज्ञानिक शंकर लाल सोनी ने ट्यूबवेल के तकनीकी पहलुओं के बारे में बताया।

इस अवसर पर महानंद ट्रस्ट के अध्यक्ष घेवर चंद आचार्य, सचिव महेश आचार्य, बंशीलाल आचार्य, सागरमल आचार्य, नंदकिशोर आचार्य, रामनाथ आचार्य तथा मनोज कुमार व्यास ने विचार रखें। कार्यक्रम का संचालन हरि शंकर आचार्य ने किया।