रूस से संस्मरण और मरुभूमि से डॉ मेघना शर्मा की कहानी पैसेंजर ट्रेन का हुआ प्रस्तुतीकरण
अजमेर, (samacharseva.in)। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के मार्फ़त अंतरराष्ट्रीय रचना गोष्ठी के मंगलवार के सत्र में मास्को के हिन्दी भाषी लेखक इलिया ओस्टोपेनको ने भारत यात्रा का संस्मरण सुनाया तो बीकानेर राजस्थान के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केन्द्र की डायरेक्टर और ख्यात कवयित्री कथाकार डॉ मेघना शर्मा ने पैसेंजर ट्रेन नामक कहानी का पाठ किया। इलिया जी के हिंदी उच्चारण और देश की वर्तमान सामाजिक व राजनीतिक दशा पर विचार विमर्श बहुत शानदार रहा।
मेघना शर्मा की कहानी में डेली अप डाउन करती एक नर्स की अस्पताल जाते समय की यात्रा का वर्णन करते समय अलग अलग स्टेशन पर रुकने, पर बेटे की मृत्यु से दुःखी काकी, प्रेमी प्रेमिका करुणा और अशोक तथा सरपंच के भाई की बाल वधू की आत्म हत्या आदि प्रसङ्ग आते है , जिनमे सुख दुःख और प्रेम व मृत्यु आये।
कहानी पर टिप्पणी करने वालो में भावुक जी डबरा, प्रज्ञा शालिनी भोपाल, मधु सक्सेना व नीता श्रीवास्तव रायपुर, राजनारायण बोहरे इंदौर, कविता वर्मा इंदौर, आनन्द मोहन सक्सेना, शेलेन्द्र बुधौलिया दतिया के बाद डॉ के बी एल पाण्डे ने कहानी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ट्रेन एक प्रतीक है जिसमे अलग अलग मंजिल के यात्री अपनी अलग कथाओं के प्रतीक है। भाषा के लिए इस कहानी की सराहना जाना चाहिए।
आखिर में लेखिका बीकानेर की डॉ मेघना शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि डॉ मेघना शर्मा के पांच संग्रह अलग अलग विधाओं में प्रकाशित हैं व आप कई प्रतिष्ठित साहित्य पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी हैं।
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