जन्माष्टमी पर हिंदी और उर्दू के रचनाकारों ने प्रस्तुत कीं कृष्ण रचनाएँ
बीकानेर, (समाचार सेवा)। जन्माष्टमी पर हिंदी और उर्दू के रचनाकारों ने प्रस्तुत कीं कृष्ण रचनाएँ, पर्यटन लेखक संघ-महफिले अदब की साप्ताहिक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी में रविवार को हिंदी और उर्दू के रचनाकारों ने कृष्ण जन्माष्टमी पर रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
डॉ. जियाउल हसन कादरी के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में मोहनलाल जांगीड़ ने जन्माष्टमी पर अनेक पंक्तिया सुना कर वाह वाही लूटी-नटखट कान्हा बंसी बजाये, ग्वाल बाल हरसाय राधा गोपी सुधबुध खोये, अद्भुत रास रसाय। कवयित्री कृष्णा वर्मा ने बृज का है तू वासी।
प्रो नरसिंह बिनानी ने जगत करता श्री कृष्ण वन्दन। कवयित्री मधुरिमा सिंह ने मैं छोटी चिड़िया हूँ। डॉ. ओमप्रकाश स्वामी ने कभी साथ तो हंस लिये। युवा कवि गोविंद शर्मा तन्हा ने ख्वाहिशों को सच बनाना रह गया।
ज्योति वधवा रंजना ने मन मोह लिया मन। शारदा भारद्वाज ने ऐ ख़ुदा लोगों ने तुझे मन्दिर मस्जिद में पाया। अक्षय कुमार माली ने कोशिशें बहुत कीं खुद को बदलने की। डॉ. यजत भारद्वाज ने क्या लिखूं मैं तुझ पर कृष्णा।
कमल किशोरा पारीक ने कविता सुना कर काव्य गोष्ठी को आगे बढ़ाया। असद अली असद ने हजÞरत इमाम हुसैन की शान में शेर सुनाये- हिम्मत है हौसला है शुजाअत है कर्बला तेवर की बात है तो बगावत है कर्बला।
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