बाइबिल का राजस्थानी संस्करण भी तैयार, बीकानेर के शंकर सिंह राजपुरोहित ने किया अनुवाद
बीकानेर। ईसाई समुदाय के पवित्र धर्मग्रंथ बाइबिल का राजस्थानी संस्करण तैयार किया जा रहा है। बाइबिल के न्यू टेस्टामेंट का राजस्थानी में अनुवाद बीकानेर के राजस्थानी साहित्यकार शंकरसिंह राजपुरोहित ने किया है। बाइबिल के राजस्थानी संस्करण के अंतिम पठन के लिये साहित्यकार राजपुरोहित इन दिनों बेंगलुरू में है।
वर्ल्ड बाइबिल ट्रांसलेशन सेंटर (डब्ल्यूबीटीसी) ने भारत की 16 भाषाओं में बाइबिल का अनुवाद करवाया है। राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए संघर्ष कर रहे प्रदेश के लोगों के लिए यह अच्छी खबर है कि बाइबिल के जरिये ही सही, राजस्थानी भाषा की पहुंच विश्व के अनेक देशों तक होने वाली है।
राजस्थानी साहित्यकार शंकरसिंह राजपुरोहित बाइबिल के अलावा अब तक कई पुस्तकें राजस्थानी में अनुवाद कर चुके हैं। राजपुरोहित ने बताया कि बाइबिल का अनुवाद पूरा हो चुका है और जल्द ही यह किताब के रूप में सामने आने वाली है। उन्होंने बताया कि इस अनुवाद का अंतिम पठन करने के लिये ही वे इन दिनों डब्ल्यूबीटीसी संस्था के निमंत्रण पर बेंगलुरू में हैं।
राजपुरोहित ने बताया कि बाइबिल के अनुवाद के लिए संस्था ने राजस्थान से तीन राजस्थानी साहित्यकारों के नाम पर विचार किया था। अंतिम रूप से उन्हें यह जिम्मेदारी मिली। राजपुरोहि ने बताया कि बाइबिल का अनुवाद दो चरणों में करीब 1400 पेजों का होगा।
यह न्यू टेस्टामेंट और ओल्ड टेस्टामेंट दो चरणों में होगा। अभी तक न्यू टेस्टामेंट का अनुवाद कार्य पूरा हो चुका है। इसमें करीब साढ़े चार सौ पेजों का अनुवाद किया गया है।
राजपुरोहित ने कहा कि राजस्थानी भाषा की पहुंच विश्व के सभी साहित्य तक होने से इसे और समृद्धि मिलेगी। यह उनके लिए खुशी की बात है कि उन्हें बाइबिल जैसे ग्रंथ का राजस्थानी अनुवाद करने का मौका मिला।
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