चिकित्सा विभाग में स्टाफ की कमी, मरीज पेरशान
इलाज करने वाले चिकित्सकों को करना पड़ रहा है प्रशासकीय काम
ग्रामीण क्षेत्रों में 88 फार्मासिस्ट के स्थान पर मात्र 9 कार्यरत
बीकानेर, (samacharseva.in)। चिकित्सा विभाग में स्टाफ की कमी, मरीज पेरशान, बीकानेर का चिकित्सा महकमा चिकित्सकों, फार्मासिस्ट एवम नर्सिंग स्टाफ की कमी से बुरी तरह जूझ रहा है।
विभाग के अनेक डॉक्टर, फार्मासिस्ट एवम नर्सिंग स्टाफ अस्पतालों में सेवा देने के बजाय अन्यत्र सेवाएं दे रहे हैं। चिकित्सा विभाग के सूत्रों के अनुसार बीकानेर के अनेक ऐसे डॉक्टर जो मरीजों को देख कर उनकी सेवा कर सकते हैं मगर सरकार ने उन्हें प्रशासनिक पदों पर लगा रखा है।
क्षेत्र के लोगों के अनुसार डॉ. नवल गुप्ता जो कि एक अच्छे चिकित्सक हैं उन्हें सरकार ने मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के डिस्ट्रिक्ट कोकॉर्डिनेटर के पद पर डेढ़ दशक से तैनात किया हुआ है। जबकि यह काम कोई भी फार्मासिस्ट अथवा स्टोरकीपर द्वारा कराया जा सकता है।
इसी प्रकार पीबीएम अस्पताल में डॉक्टर गौरीशंकर जोशी भी दवा भंडार के काम में संलग्न हैं। फार्मासिस्ट एवम नर्सिंग स्टाफ में भी दुभांत कल्चर अपनाया हुआ है। अनेक फार्मासिस्ट ड्रग केंद्रों पर काम नही करके अन्य कार्यों में रत है। अनेक फार्मासिस्ट तो ऐसे हैं जिन्होंने नियुक्ति से ले कर अब तक किसी डीडीसी में अपनी ड्यूटी नहीं दी है और कथित कॉर्डिनेटर बन कर समकक्षों पर भारी पड़ रहे हैं।
ऐसा भी देखने में आया है कि किसी किसी डीडीसी पर अधिक संख्या में भी फार्मासिस्ट बैठा दिए गए हैं। बहुत से फार्मासिस्ट डीडीसी से हटकर अन्यत्र कार्य कर रहे हैं जिनका उस काम से कोई तालमेल नहीं फिर भी पीबीएम प्रशासन इस और ध्यान नहीं दे रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों का काम 9 फार्मसिस्ट के हवाले
चिकित्सा वि•ााग सूत्रों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रो में जहां कम से कम 88 फार्मासिस्ट होने चाहिए वहां मात्र 9 फार्मासिस्ट से ही काम चल रहा है। बीकानेर में पीबीएम अस्पताल एवम शहरी क्षेत्रों में 25 से अधिक फार्मासिस्ट के पद खाली है। जिले के 54 पीएचसी में से 26 में तो डॉक्टर है ही नही जबकि किसी भी सीएससी में पर्याप्त डॉक्टर नहीं है।
लूणकरणसर जैसे बड़े सीएससी में भी मात्र दो डॉक्टर हैं। मोमासर के सीएससी में एक ही चिकित्सक है जबकि बहुत से अस्पताल तो नर्सिंग स्टाफ के भरोसे ही चल रहे हैं। कैंसर अस्पताल में पूरे समय खुले डीडीसी
अस्पताल से जुडे समाज सेवियों के अनुसार कैंसर अस्पताल जैसे भारत के विख्यात केंद्र पर डीडीसी पूरे दिन खुलने के बजाय एक समय ही खुल रही है जिससे मरीजों को जो परेशानी हों रही है वह अनिवर्णनीय है। पीबीएम अस्पताल की प्रत्येक डीडीसी के आगे लगने वाली लंबी लाईनों में खड़े मरीज चक्कर खा खा कर गिरते रहते है लेकिन पीबीएम प्रशासन मौन है।
इनका कहना है
स्टाफ की कमी से मरीजों को परेशानी होती है, इसकी जानकारी समय समय पर सरकार को प्रेषित की जाती है। जल्द ही राज्य सरकार की ओर से चिकित्सकों की नियुक्ति होने की जानकारी है। नये चिकित्सकों की नियुक्ति के बाद हालात और बेहतर करने के प्रयास किये जाएंगे।
डॉ. बी. एल. मीणा
सीएमएचओ
बीकानेर।
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