कप्तान साहब ने नवज्योति को इतिहास का रोजनामचा बनाया : बोड़ा
कप्तान साहब की 26वीं पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि
समाचार सेवा
बीकानेर, स्वतंत्रता सेनानी व दैनिक नवज्योति के संस्थापक संपादक कप्तान साहब दुर्गा प्रसाद चौधरी की 26 वीं पुण्यतिथि पर शुक्रवार को बीकानेर में रेलवे स्टेशन के सामने हीरालाल मॉल स्थित मास मीडिया सेंटर में कप्तान साहब का पत्रकारिता योगदान विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी में उपस्थित लोगों ने कप्तान साहब को भावपूर्ण श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। बीकानेर प्रेस क्बलब के अध्यक्ष सुरेश बोड़ा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि कप्तान दुर्गा प्रसाद चौधरी जंगे आजादी के सिपाही थे।
उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से आजादी के संदेश को आमजन तक पहुंचाने के साथ राष्टÑ के निर्माण में भी विशेष योगदान दिया। उन्होंने कहा कि कप्तान साहब ने प्रदेश की हिन्दी पत्रकारिता के गौरव को बढ़ाने के लिये जीवन पर्यन्त सेवायें दी, जो सदैव अविमरणीय रहेगी।
उनके द्वारा स्थापित परंपराओं का निर्वहन नवज्योति परिवार आज भी कर रहा है। वे इतिहास पुरुष थे जिनकी सेवाओं को सदैव याद किया जाएगा। बोड़ा ने कहा कि नवज्योति केवल अखबार नहीं है अपितु राजस्थान के इतिहास का ऐसा रोजनामचा है जिसके माध्यम से राजपूताना में हुए आजादी के संघर्ष और राजस्थान के गठन से लेकर अब तक के सारे घटना क्रमों को पढ़ा देखा व समझा जा सकता है।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व उपनिदेशक किसनकुमार आजाद ने कहा कि गांधीवादी विचारों से ओतप्रोत कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी को महात्मा गांधी के सानिध्यम में भी रहने का अवसर मिला। उन्होंने आजादी के लिये अजमेर व आसपास के क्षेत्र में लगातार सत्याग्रह किया।
डूंगरपुर व बांसवाड़ा जैसे क्षेत्रों में माणिक्य लाल वर्मा के साथ रहकर आदिवासियों को संगठित किया, उनके कल्याण के साथ उनमें जनचेतना का संचार किया। कप्तान साहब ने कई बार जेल यातनायें भी सही। उन्होंने वर्ष 1936 में अजमेर से नवज्योति को साप्ताहिक रूप में प्रकाशित किया, जो वर्ष 1948 में दैनिक के रूप में प्रकाशित होने लगा।
आर्थिक संकटों और सरकारी दबावों के बावजूद वे निर्भकता से इस समाचार पत्र को प्रकाशित करते रहे। कप्तान साहब आजादी के दौरान कांग्रेस सेवादल की टोली के कप्तान थे इसी वजह से उनके साथी उन्हे कप्तान साहब का संबोधन देते थे बाद में दुर्गाप्रसाद जी कप्तान साहब के नाम से लोकप्रिय हो गए। वे पत्रकारों की स्वतंत्रता के पक्षधर थे और उन्होंने अपने समाचार पत्र से जुड़े सभी पत्रकारों को पूरी स्वतंत्रता दी हुई थी।
उनके समय में नवज्योति पत्रकारों के एक प्रशिक्षण केन्द्र में जाना जाता था। मास मीडिया सेंटर के प्रबंध निदेशक श्याम शर्मा ने कहा कि कप्तान साहब सहज, सरल व्यक्तित्व के धनी थे। वे अपने साथ काम करने वाले सभी लोगों को अपना परिवार ही मानते थे।
शर्मा ने कहा कि कप्तान साहब पत्रकारिता में सत्य व विश्वसनियता को सर्वाधिक महत्त्व देते थे चाहे उससे कोई भी प्रभावितहो। संगोष्ठी में पत्रकार नीरज जोशी, उषा जोशी, अभिषेक शर्मा, शिक्षा भारती के निदेश डॉ. सुशील कुमार व्यास, मोडर्न मीडिया के बीजी बिस्सा आदि ने भी कप्तान साहब को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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