ओजोन परत की सुरक्षा हो सबका एक नैतिक कार्य- प्रो.राजेन्द्र पुरोहित
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। राजकीय डूंगर कॉलेज के प्राचार्य प्रो. राजेन्द्र पुरोहित ने कहा कि ओजोन परत की सुरक्षा को एक नैतिक कार्य के रूप में लिया जाना चाहिए।
प्रो. पुरोहित मंगलवार को राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी) बीकानेर में ‘ओजोन परत, इसका क्षरण, और जीवों पर प्रभाव विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ओजोन परत, इसका क्षरण, और जीवों पर इससे पड़ने वाले प्रभाव पर गहन चिंतन व मनन नितांत आवश्यक है।
नेशनल एनवॉयरमेंटल साइंस अकादमी (नेसा) नई दिल्ली द्वारा एनआरसीसी आदि संस्थाओं द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के विभिन्न प्रान्तों–उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान आदि राज्यों के प्रतिभागियों ने इस आयोजन के माध्यम से अपने अनुसंधान कार्यों को प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम संयोजक व एनआरसीसी के निदेशक डॉ. आर.के.सावल ने कहा कि ओजोन परत के दुष्प्रभाव से बचने के लिए हमें क्लाईमेंट रेसीलियंट उत्पादकता पर काम करना होगा। उन्होंनेइस अवसर पर केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान बीकानेर के निदेशक डॉ.जगदीश राणे ने बताया कि हम अपने घरों में लघु रूप से ओजोन का निर्माण कर सकते हैं, जिनका उपयोग चिकित्सीय कार्यों में भी होता है।
नेशनल एनवॉयरमेंटल साइंस अकादमी (नेसा) नई दिल्ली के प्रतिनिधि डॉ. संदीप कुमार, डॉ.राकेश रंजन, प्रधान डॉ. मृणालिनी प्रेरणा ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में बेस्ट ऑरल प्रजेंटेशन एवं बेस्ट पोस्टर प्रजेंटेशन के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
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