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हमें 16 संस्कारों की परम्परा को करना होगा पुनर्जीवित – सुबोधगिरिजी

We have to revive the tradition of 16 sacraments - Subodhgiriji 30BKN PH-3

बीकानेर, (समाचारसेवा)। हमें 16 संस्कारों की परम्परा को करना होगापुनर्जीवित–सुबोधगिरिजी, भक्तानन्द आश्रम भीनासर के महन्त स्वामी सुबोधगिरिजी महाराज ने कहा कि वर्तमान समय में सनातन परम्परा और संस्कृति से दूर होते परिवार विशेषकर युवाओं में संस्कार संवर्द्धन और जाग्रति के लिए हमको 16 संस्कारों की परम्परा को पुनर्जीवित करना होगा

महाराज बुधवार को इन्‍द्रा कॉलोनी के रामलीला मैदान में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में माता को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। माता वातस्लयमयी होती है और वही संस्कृति की संवाहक और संरक्षक भी होती है।

वर्तमान समय में विलुप्त होती परम्पराओं, संस्कृति और संस्कारों को बचाये रखने में मातृशक्ति अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। श्रीमती राजकुमारी ने कहा कि हमें शास्त्रों को जानना और समझना होगा। दैनिक जीवन में उसके नियमों को अपना होगा तभी भावी पीढ़ी संस्कृति से जुड़ पायेगी।

इससे पूर्व भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण के साथ सत्र का शुभारंभ किया गया। समापन श्रीहनुमान चालीसा के पाठ के साथ किया गया। समारोह स्‍थल पर स्वतन्त्रता संग्राम के नायकों के पोस्टर्स की प्रदर्शनी लगायी गयी।

कार्यक्रम में पाबूदान सिंह, अजीत सिंह, संदीप चौपड़ा, भवानी शंकर, राजीव मित्तल, विजय सिंह, सांवरजी, योगेन्द्र गुप्ता, ओम सेवग आदि उपस्थित रहे। संचालन राजीव मित्तल ने किया।

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