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शिक्षा निदेशालय में यौन उत्पीड़ित महिलाओं का ईश्‍वर ही मालिक

karysthal par chhedkhani

* शिक्षा निदेशालय में महिलाओं को नहीं मिल रहा न्याय * दो महिलाओं ने साहस दिखाकर शिकायत की प्राचार्य की * घूरने, अकेले में बुलाने और बात करने के लिए दबाव डालता था *  विभाग ने उल्टे आरोप लगाकर उन्हें ही निलंबित कर दिया

बीकानेर (श्याम शर्मा) शिक्षा विभाग में गांवों में पढ़ाने के लिए जाने वाली अध्यापिकाओं के साथ यौन उत्पीड़न के मामलों की सुनवाई नहीं होती जिससे ऐसी महिलाओं को शिकायत करने के बाद भी न्याय नहीं मिलता।

बीकानेर की दो शिक्षिकाओं ने स्कूल प्राचार्य के खिलाफ उन्हें बुरी नजर से देखने, अकेले में बुलाने और उनका वीडियो बनाने की शिकायत करने की हिम्मत की तो विभाग ने उनका जीना मुश्किल कर दिया है।

यह मामला है फलौदी तहसील के बाप ग्राम पंचायत के खिदरत राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल का जहां प्राचार्य हर महिला शिक्षिका से अपने पास आने और बैठकर बातें करने के लिए दबाव डालता है लेकिन नौकरी के डर से कोई अध्यापिका मुंह नहीं खोलती।

यहां के प्राचार्य मनीष चाहर के खिलाफ एक महिला ने हौसला दिखाकर बाप पुलिस थाने में 22 जनवरी 18 को शिकायत कर दी तब से उसके जीवन के मुश्किल दिन शुरू हो गए। पहले तो पुलिस ने आठ दिन तक शिकायत यह कह कर दर्ज नहीं की कि आपने प्राचार्य के खिलाफ आरोप हल्के लगाए हैं।

एफआईआर दर्ज कराने पर बौखलाए प्राचार्य ने उल्टे इस महिला पर ही आरोप लगाने शुरू कर दिए। इस महिला का एक और शिक्षिका ने साथ दिया तो प्राचार्य ने उसके खिलाफ भी शिकायत कर दी। बाद में कई लोगों को मामला वापस लेने के लिए भेजकर धमकाया कि नौकरी करनी है तो मुंह बंद रखो लेकिन ये बहादुर महिलाएं नहीं मानीं।

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जातिवाद का जोर

प्राचार्य मनीष चाहर (जाट) ने इन दोनों महिलाओं की शिकायत शिक्षा निदेशक नथमल डिडेल (जाट) से कर दी। सामान्य तौर पर तृतीय श्रेणी शिक्षिका के खिलाफ जांच नीचे से शुरू होती है और ऊपर तक निष्कर्ष पहुंचने पर जिला शिक्षा अधिकारी या उप शिक्षा निदेशक कार्रवाई करते हैं।

इस मामले में शिक्षा निदेशक डिडेल ने यौन उत्पीड़न के आरोपी प्राचार्य के प्रति सहानुभूति दर्शाते हुए खुद ही आदेश निकाल कर दोनों अध्यापिकाओं को निलंबित कर दिया। मजे की बात यह कि तब तक इन महिलाओं को कोई चार्जशीट तक नहीं मिली थी।

दोनों महिलाओं ने हाईकोर्ट में प्रार्थना की तो वहां से उन्हें स्थगन आदेश मिल गया। तब से फिर इन को धमकी मिलने लगी कि आप निदेशक के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में गई हो तो नौकरी करनी मुश्किल हो जाएगी।

ऊपर तक महिलाओं के खिलाफ माहौल – बहादुर महिला ने शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी, पुलिस महानिदेशक तक जाकर अपनी शिकायत पहुंचाई लेकिन उनका हश्र भी बेहद अफसोसजनक रहा।

शिक्षा मंत्री ने तो इन महिलाओं को कहा कि आपको विभाग पर भरोसा नहीं है।

कोर्ट पर भरोसा है तो वहीं से आदेश करवा लो। महानिदेशक ओपी गल्होत्रा ने महिला की फरियाद सुनकर आईजी जोधपुर को जांच करने के आदेश दिए लेकिन आईजी हवासिंह घुमारिया ने उनकी बात ही नहीं सुनी और चलता कर दिया।

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दैनिक नवज्‍योति बीकानेर शनिवार 10 मार्च 2018

महिला दिवस के दिन निलंबन का आदेश –

महिला दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झुंझुनू राजस्थान में महिलाओं की सुरक्षा के लिए आव्हान कर रहे थे उसी दिन शिक्षा विभाग की दो अध्यापिकाओं को शिक्षा निदेशक ने निलंबन के आदेश पकड़ा दिए।

ये महिलाएं शिक्षा निदेशक से प्राचार्य की शिकायत करने गई थीं कि उन्हें झूठे आरोप लगाकर एपीओ कर दिया है। शिक्षा निदेशक ने उल्टे महिलाओं को कहा- मैंने आपको सस्पेंड कर दिया है। आप यहां से बाहर निकलो। अब शिक्षा निदेशालय में दुबारा दिखाई मत देना।

इनका कहना है

दोनों शिक्षिकाओं के खिलाफ जोधपुर जिला शिक्षा अधिकारी और उपनिदेशक ने जांच कर एपीओ किया था। ये दोनों कोर्ट में जाकर स्टे ले आई। मैंने जांच करवाने के बाद दोनों को दोषी पाया तो मैंने अपने स्तर पर आदेश निकालकर निलंबित कर दिया

नथमल डिडेल,

माध्यमिक शिक्षा निदेशक

बीकानेर।

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