Home MEDICAL AND HEALTH राजस्‍थान में निपाह वायरस पर विशेष सतर्कता

राजस्‍थान में निपाह वायरस पर विशेष सतर्कता

जयपुर, (समाचार सेवा)। राजस्‍थान में निपाह वायरस पर विशेष सतर्कता की तैयारी। प्रदेश में निपाह वायरस के संबंध में विशेष सतर्कता बरतते हुए निरन्तर मॉनीटरिंग एवं सतत निगरानी रखी जा रही है। इस बीमारी के संबंध में प्रदेश के सभी चिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक जानकारी त्वरित उपलब्ध कराने के लिए संभागीय व जिला स्तर के अधिकरियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सीधे जानकारी दी जायेगी।

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में शनिवार को इस संबंध में बैठक आयोजित की गयी। चिकित्सा विभाग की ओर से बैठक में सूचित किया गया कि अब तक प्रदेश में निपाह वायरस से एक भी पीड़ित सामने नहीं आया है। परंतु मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने चिकित्सा विभाग द्वारा निपाह वायरस के प्रति विशेष सतर्कता बरतने एवं इस वायरस के बारे में आमजन को सही सूचना उपलब्ध कराने के साथ ही पूर्ण सक्रियता बरतने पर बल दिया।

उन्होंने सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में वायरस के बारे में आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही जांच की समुचित व्यवस्था व उपचार में आवश्यक दवाइयां इत्यादि सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। इस समय केरल राज्य के उत्तरी जिलों मल्लापुरम व कोजिकोड़ में निपाह रोग का संक्रमण प्रभावी है। इसलिए इन जिलों में इस समय यात्रा पर जाने से बचे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा-स्वास्थ्य श्रीमती वीनू गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के सभी संयुक्त निदेशकों तथा मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारियों को इस वायरस के बारे में दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके हैं एवं उनके स्वयं के स्तर पर निपाह वायरस के बारे में दैनिक मॉनीटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि आमजन को इस बीमारी से घबराने की आवश्यकता नहीं है।

सभी राजकीय चिकित्सालयों में निपाह वायरस के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही इलाज के लिए आवश्यक प्रबंध किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि राज्य एवं जिला स्तर पर रेपिड रेसपोंस टीमों को भी सतर्क किया गया है। उन्होंने रोग ग्रस्त इलाकों में यात्रा से लौटे व्यक्तियों से मस्तिष्क ज्वर अथवा सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या के लक्षण होने पर तत्काल चिकित्सालय में सम्पर्क करने को कहा है।

निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. वी.के.माथुर ने बताया कि निपाह वायरस एक जुनोटिक (पशुजन्य) बीमारी है और यह वायरस मनुष्यों का सम्पर्क निपाह संक्रमित सूअर, चमगादड़ या संक्रमित रोगी के साथ होने पर अथवा संक्रमित कच्चे खजूर या खजूर के रस के सेवन से फैलता है। उन्होंने बताया कि इसके संक्रमण के मुख्य लक्षण में बुखार होना, सरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, दिमाग में सूजन, खांसी, उल्टी होना, मांसपेशियों में दर्द, मानसिक भ्रम, दस्त व ऎंठन होना इत्यादि है।