एटीएस की सूचना पर एसओजी ने रैकेट का किया पर्दाफाश, चार गिरफ्तार
जयपुर, (समाचार सेवा)। अनिल पालीवाल, अतिरिक्त महानिदेषक पुलिस, एटीएस एवं एसओजी ने बताया कि
कि काफी दिनों से शिकायतें मिल रही थी कि स्कुल-कॉलेजों के छात्रों में ड्रग्स की आदत
लगा कर तस्करी के माध्यम से माफिया राजस्थान में सक्रिय है जिसने राजस्थान के कई शहरों
को चपेट में ले रखा है। इस पर एटीएस की जयपुर ईकाई को मुखबिर की सूचना से पता चला कि
इसी तरह की गैंग अजमेर में काफी दिनों से अवैध ड्रग सप्लाई में लगी हुई है जिस पर एटीएस
ने मुखबिर सूचना को विकसित करते हुये दिनांक 20.12.2019 को छापा मार कर गौरू खान निवासी
लोहाखान अजमेर एवं सलमान खान निवासी मुम्बई को 2 किलोग्राम एम.डी.ए. ड्रग के साथ गिरफ्तार
किया, बाद में पूछताछ से पता चला कि
सलमान खान ग्रुप के अन्य साथियों के साथ माल सप्लाई हेतु आया है तो सूचना पर दो अन्य
साथी मुहम्मद गौस एवं श्रीहरि को भी दस्तयाब कर गिरफ्तार किया।
क्या है एम.डी.ए. ड्रग –
यह एक खतरनाक मादक पदार्थ है जो सिंथेटिक रूप से बनाया जाता है, एम.डी.ए. का पूरा नाम मेथिलनेडायोक्सामफेरेमाईन है , यह दानेदार पाउडर के रूप में मिलता है जिसकी डोज लेने के बाद आदमी आदी हो जाता है, अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में भारी कीमत होने के कारण लत के शिकार लोग अन्य अपराधों में लिप्त हो जाते है। अजमेर, जयपुर सहित कई शहरों में स्कुल-कॉलेजों के छात्रों को नशे की लत वाले लोगों को एवं नये लोगों को आदत लगाकर शिकार बनाकर रैकेट अपना कारोबार चलाता है।
मुम्बई से संचालित हो रहा था रैकेट –
यह रैकेट लाखों लोगों को ड्रग की आदत का शिकार बना चुका है, मुम्बई में कई लोग इस अवैध तस्करी से जुड़े हुये थे, उसी माध्यम से अजमेर, जयपुर जैसे शहरों में अपना मार्केट बना लिया।
कोडवर्ड मेें
करते है बात – एम.डी.ए ड्रग को नशे के शिकार लोग कोडवर्ड में ‘मम्मी डैडी’ ड्रग के नाम से पुकारते है।
एटीएस टीम
के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरफूल सिंह के नेतृत्व में एटीएस के पुखराज सारण पुलिस निरीक्षक, हनुमान सिंह हैड कानि. 33, हनुमान सिंह कानि. 186, राजेन्द्र कानि. 70, जगदीश कानि. 191, सतबीर कानि. 143 तथा रविन्द्र
भूरिया पुलिस निरीक्षक, राहुल जोशी पुलिस निरीक्षक, कारयालाल हैड कानि. 315, संतोष हैड कानि. 321, देवीसिंह कानि. 346, अशोक राठी कानि. 370, ममता शर्मा म.कानि. 845, हैड कानि. चालक बहादुर सिंह
222, कानि. चालक सुरेन्द्र नं.
461 ने कार्यवाही को अंजाम दिया।