पुण्य संग्रह करने से ही जीवन हो सकता है सुखमय : सौम्यदर्शना
बीकानेर, (समाचार सेवा)। पुण्य संग्रह करने से ही जीवन हो सकता है सुखमय : सौम्यदर्शना, साध्वी सौम्यदर्शना ने गुरुवार को रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में प्रवचन करते हुए कहा कि व्यापार करने से धन मिलता है और धर्म करने से पुण्य।
उन्होंने कहा कि पुण्य का संग्रह करके ही जीवन सुखमय हो सकता है। साध्वी सौम्यदर्शना ने श्रावक-श्राविकाओं के समक्ष को बताया कि चार पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष हैं,
लेकिन यदि केवल एक पुरुषार्थ धर्म कर लें तो तीनों पुरुषार्थ स्वत: ही मिल जाते हैं।
इससे पूर्व साध्वी अक्षयदर्शना ने कहा कि परमात्मा का पूजन व ध्यान करके ही समस्त दुखों से छुटकारा मिल जाता है।
पौषधशाला में गुरुवार की संघ पूजा का लाभ मुख्य लाभार्थी मूलचन्द पुष्पा देवी सुरेन्द्र बद्धाणी परिवार द्वारा लिया गया।
विकास सिरोहिया ने बताया कि श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ श्री संघ द्वारा आयोजित इस चातुर्मासिक आयोजन के तहत शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे 28 दिवसीय गौतम लब्धि तप प्रारंभ हो जाएगा।
Share this content: