योग को आत्मसात करना जरूरी-सरजूदासजी महाराज
NEERAJJOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। राष्ट्रीय संत रामझरोखा कैलाश धाम के महन्त सरजूदास जी महाराज ने कहा कि नई पीढ़ी के चहुंमुखी विकास एवं नशाखोरी से बचाने के लिए योग को आत्मसात करना होगा। महाराज शनिवार को वरिष्ठ नागरिक भ्रमण पथ मैदान पर स्थित योग कक्षा के 20वें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
योग प्रशिक्षण एवं प्रचार समिति बीकानेर की ओर से आयोजित इस समारोह में उन्होंने कहा कि योग हमारी ऋषि परंपरा है। इसे पूरे विश्व ने स्वीकार किया है। महाराज ने कहा कि विश्व के सभी लोग शारीरिक मानसिक एवं आत्मिक शांति के लिए योग कर रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए न्यायविद् चिन्तक महेश शर्मा ने कहा कि वर्तमान में युवा पीढ़ी को मोबाइल से दूर करना है तो उन्हें योग व शतरंज से जोड़ना होगा।
12 अक्टूबर 2005 से शुरू हुई योग कक्षा
योग प्रशिक्षण एवं प्रचार समिति बीकानेर के अध्यक्ष डीपी पचीसिया ने बताया कि निशुल्क योग कक्षा 12 अक्टूबर 2005 दशहरे पर तत्कालीन संभागीय आयुक्त विनोद कपूर, तत्कालीन कलक्टर आलोक के मुख्य आतिथ्य में प्रारम्भ की थी। योग गुरु विनोद जोशी 19 वर्ष से लगातार निशुल्क योग कक्षा संचालित कर रहे हैं।
कार्यक्रम के में 101 तुलसी पौध का वितरण किया गया। इस अवसर पर कालूराम, नरेश मित्तल, विनोद जोशी, सुरेश ओझा, एम एल जांगिड़, गौरीशंकर रांकावत सीडी सागर, राम मोदी, राजेन्द्र सिंह राठौड़, राजेन्द्र शर्मा, सुरेश राजपुरोहित, रामगोपाल खडगावत, सुषमा यादव, सुनीता वर्मा, डॉ. निधि बिन्नाणी, रेणु जैन, दीपा मोडासिया, गरिमा, सुरेन्द्र राजपुरोहित भगवती सोनी, मंजू, आदि योग उपस्थित रहे।
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