पदमश्री अल्लाह जिलाई बाई की याद में रेलवे प्रेक्षागृह गूंजे मांड गीत
बीकानेर, (समाचार सेवा)। मांड कोकिला पदमश्री अल्लाह
जिलाई बाई की याद
में रविवार शाम रेलवे प्रेक्षागृह में आयोजित स्वरांजली समारोह में मांड गीतों की गूंज रही। कार्यक्रम में वनस्थली विद्यापीठ से
“पदमश्री अल्लाह जिलाई बाई के संगीत योगदान” पर पीएचडी करने वाली डॉ. आकांक्षा दवे (जयपुर) का सम्मान किया
गया। संगीत मनीषी स्व. डॉ. मुरारी शर्मा को भी याद किया गया।
समारोह स्वरांजली में डॉ. मुरारी शर्मा की रचना “म्हारा
जूना जोशी” डॉ. कल्पना शर्मा के निर्देशन में कथक
नृत्य प्रस्तुत किया गया। इसमें संजना
भौमिक, जयश्री तरफदार, देवमयूर घई, अमृता राणा ने नृत्याभिन्य किया।
नृत्य रचना में गायन में अहमद बशीर सिसोदिया, तबले पर
उस्ताद गुलाम हुसैन ने संगत की। पुखराज शर्मा ने केसरिया बालम सुनाई।
जयपुर के रोहित कटारिया ने राग खमाज
में “ओलयूडी सी आवे जी राज” में नए प्रयोग सुनाए। पाली की मैना राव ने
“बागा चालो केसरिया” तथा “बादीला महाने एकलडी मती छोड़ो”
सुनाया। प. चंद्रप्रकाश (अजमेर) ने मांड के विविध
रूपों से रूबरू कराया। बाबूलाल भाट (जयपुर) ने “म्हारे साइना पधारया डोडा
माय” सुनाया। उनके साथ बाल कलाकार परमेश्वर भाट ने “केसरिया बालम”
सुनाया।
कार्यक्रम में समन्दर खान (बाड़मेर) के
साथ सरूप खान,
शाकर खान, साहिल खान, मिश्री खान, निहाल खान, शब्बीर खान और टीवी के लोकप्रिय गायक खानु खान ने विभिन्न
साजों पर संगत की। इनके साथ जयपुर की सुश्री अनुराग वर्मा ने नृत्य किया। समंदर
खान ने अपनी शानदार प्रस्तुति
प्रस्तुति से श्रोताओ को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम में लोकगायिका श्रीमती
राजकुमारी मारू,
हशमुद्दीन, उस्ताद गुलाम हुसैन ने एकल तबलावादन
आदि प्रस्तुति से पदमश्री अल्लाह जिलाई बाई को भावभीनी खिराजे अकीदत पेश की।
स्व. अल्लाह जिलाई बाई की 27 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित इस समारोह के
मुख्य अतिथि मंडल रेल प्रबंधक संजय कुमार श्रीवास्तव थे। समारोह में डॉ. अज़ीज़ अहमद सुलेमानी,
लेखक अशफ़ाक़ क़ादरी ने संबोधित किया।
मोहनलाल मारू, डॉ. कल्पना शर्मा, फिल्मकार मंज़ूर अली चंदवानी, एन. डी. रंगा, चंद्रशेखर जोशी, नागेश्वर
जोशी, डॉ. एस. एन. हर्ष आदि गणमान्यजन उपस्थित रहे।