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महाभारत काल में था एक दुर्योधन, एक दुस्सासन आज हैं अनेक-दिवेशा भारती

During the Mahabharata period, there was one Duryodhana, one Dussasan, today there are many- Divesha Bharatis.

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा) महाभारत काल में था एक दुर्योधन, एक दुस्सासन आज हैं अनेक-दिवेशा भारती, दिव्य गुरु आशुतोष महाराज की शिष्य साध्वी दिवेशा भारती ने कहा कि महाभारत के समय तो एक दुर्योधन था एक दुस्सासन था लेकिन आज के वर्तमान प्रवेश में देखे तो आज अनेकों ही दुर्योधन है और अनेकों ही दुस्सासन हैं जो आज भी नारी पर अत्याचार कर रहे हैं।

साध्वी दिवेशा भारती ने शुक्रवार को गोपेश्वर महादेव मन्दिर के प्रांगण में आयोजित पांच दिवसीय श्री कृष्ण कथा के दौरान यह बात कही। उन्‍होंने कहा कि आज नारी को पुरुष के पांव की जूती माना जाता है लेकिन दिव्य गुरु आशुतोष महाराज का कथन है कि नारी मात्र घर को ही नही अपितु संपूर्ण विश्व को संभालने का सामर्थ्य रखती है।

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान  द्वारा आयोजित इस कथा के तृतीय दिवस साध्वी दिवेशा भारती ने प्रभु श्री कृष्ण जी की अनन्या भक्त द्रोपदी जी की जीवन गाथा को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जब द्रोपदी का चीर हरण होने लगा तब वो सच्चे हृदय से भगवान श्री कृष्ण को पुकारती है और प्रभु उसकी पुकार सुन कर वस्त्रावतार धारण कर उसकी रक्षा करते है।

उन्होंने बताया के द्रोपदी ने भी पहले बहुत से बाहरी सहारे ढूंढे पर निराश होने के बिना कुछ भी नहीं मिला। फिर जब कृष्ण को पुकारा तो वह एक क्षण में आ गए। कथा में यजमान  राजाराम धारणिया परिवार सहित उपस्थित रहे।

इनका रहा मुख्‍य आतिथ्‍य

मुख्य अतिथि संत दयनाथ महाराज (अमृतनाथ आश्रम उदासर विदवतान सरदारशहर), कृष्ण कुमार (राजस्थान एजुकेशन डिप्टी डायरेक्टर), अरविंद मिड्ढा (उपप्रधान जिला कांग्रेस कमेटी एवं प्रधान सब्जी मंडी बीकानेर), सुरेश ठेकेदार रहे।

आरती में देवकृष्ण पेड़ीवाल, सुभाष मित्तल, डॉ मीना असोपा, मनमोहन जयपुरिया, जुगल किशोर जयपुरिया, गोविंद, गगनदीप अग्रवाल, डॉ. महेंद्र शर्मा,  मीनाक्षी अग्रवाल, एडवोकेट गणेश, सरप्रेम जोशी, विजय चंद्र डागा, मनीष खत्री शामिल हुए।

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