बीकानेर की डॉ. मेघना शर्मा का सुजानगढ में सम्मान
महिला विभूतियों को सम्मानित करने का प्रयास श्लाघंनीय – डॉ. मेघना शर्मा
नर्बदा इंदोरिया को मिला संतोष व्यास स्मृति सृजन सेवा सम्मान
सुजानगढ़ (samacharseva.in)। महाराजा गंगासिह विष्वविधालय बीकानेर के सेन्टर फॉर विमेन्स स्टडीज की निदेषक प्रोफेसर डॉ. मेघना शर्मा ने कहा कि सुजानगढ के मरूदेश संस्थान का महिला विभूतियों को सम्मानित करने का प्रयास श्लाघंनीय है।
डॉ. मेघना ष्षुक्रवार को सुजानगढ़ के दिगम्बर जैन भवन सभागार में संतोष व्यास स्मृति सृजन सेवा सम्मान समारोह को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा महिला षिक्षा व संतोष व्यास का योगदान विषय पर वक्तव्य देते हुए कहा कि संतोष व्यास सुजानगढ़ की ही नही वरन राजस्थान में नारी षिक्षा की नेत्री रही।
उनका कार्यकाल अपने आप में महिला सषक्तिकरण का सुनहरा युग रहा, जिनकी उदाहरण रही है वो छात्राएं जिन्हे हम देशभर में उच्च पदो पर आसीन देख सकते है। मुख्य अतिथि कवयित्री कृष्णा राठौड़ ने कहा कि नारी के बिना समाज के विकास की अवधारणा बेमानी है। उन्होने कहा कि आधुनिक काल नारी चेतना और नारी उद्धार का समय रहा है। वस्तुतः स्त्री व पुरूष जीवन रथ के दो पहिये है।
इस अवसर पर राठौड़ ने संतोष व्यास के व्यक्तित्व को प्रेरणास्पद बताया। मरूदेष संस्थान के अध्यक्ष डॉ. घनष्याम नाथ कच्छावा ने बताया कि संतोष व्यास की चोथी पुण्यतिथि व राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित इस आयोजन में राजस्थान सरकार के सूचना एवम् जनसम्पर्क विभाग की उपनिदेषक नर्बदा इंदौरिया को इस वर्ष का संतोष व्यास स्मृति सृजन सेवा सम्मान प्रदान किया गया।
जिसमें ग्यारह हजार रूपये का चैक, अभिनन्दन पत्र, स्मृति चिन्ह, शॉ व साहित्य भेंट कर उनकी सुदीर्घ समय से रचनात्मक पत्रकारिता व लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के प्रति यह सम्मान प्रदत किया गया। आयोजन की मुख्य वक्ता आयोजन की विषिष्ट अतिथि जयपुर की संतोष डूडी ने कहा कि हमारी परम्परा है कि जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवता निवास करते है।
बाल भारती इन्टरनेशनल स्कूल की प्राचार्या मधु शेखावत ने कहा कि संतोष व्यास जैसी विदूषी महिला के देहावसान के बाद उनको और उनकी स्मृतियों को जीवित रखने का यह प्रयास सराहनीय है। मोहरी देवी तापड़िया कन्या महाविधालय जसवंतगढ़ कि प्राचार्या डॉ. पायल वर्मा ने कहा कि संतोष व्यास हम सब की प्रेरणा है और उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। आयोजन में सम्मानित व्यक्तित्व नर्बदा इंदौरिया ने पुरस्कार लेने के बाद अपने उदबोधन में कहा कि अपनी जगह पर सम्मान प्राप्त करना गौरव की अनुभूति प्रदान करता है।
उन्होने कहा कि संतोष व्यास उनकी आदर्ष शिक्षिका रही और वे भी उनकी प्रिय शिष्या रही है। उन्होने ने संतोष व्यास के साथ अपने अनेक संस्मरण सांझा किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व छात्रासंघ अध्यक्षा प्रवीणा बांठिया ने की।
कार्यक्रम का षुभारम्भ दीप प्रज्जवलन व पुष्पांजलि से हुआ। स्वागत भाषण सुजाता आषिवाल ने प्रस्तुत किया व अभिनंदन पत्र का वाचन सुनीता रावतानी ने किया। कार्यक्रम का सफल संचालन राजकीय आदर्श बालिका उच्च माध्यमिक विधालय जीळी की प्राचार्या कमला शर्मा ने किया।
पूर्व कुलपति प्रो. शेखावत के उदबोधन ने किया प्रभावित –
महर्षि दयानन्द विवि के पूर्व कुलपति डॉ. लोकेश शेखावत की श्रोताओं में उपस्थिति और उनके संक्षिप्त उदबोधन ने सभी प्रभावित किया। उन्होने कहा कि नारी में विधमान उसकी प्रतिभा और प्रगति समाज के लिए आवष्यक है। उन्होने ने कहा कि संतोष व्यास ने महिला षिक्षा के लिए स्तुतिय कार्य किया है। शेखावत ने संस्था के इस कार्य को पुण्य का कार्य कहा।
इन्होने किया स्वागत –
आगन्तुक अतिथियों का स्वागत ज्योति कच्छावा, सरोज तँवर चूरू, कंचनलता षर्मा लाडनू, मर्यादा नाथ, ममता सोनी, सरोज पुनिया, डॉ.शर्मिला सोनी, प्रमिला राठी, रानी जैन, स्नेहा प्रभा मिश्रा, रष्मि तूनवाल, संगिता तूनवाल, प्रभा राठी, मधु जोषी, माया मिश्रा, डॉ. योगिता सक्सेना, ममता जांगिड़, सुरभी पांडे, निषा आर्य लाडनू, सोनाली सिंह, रामदुलारी सोनी, मनीता षर्मा आदि ने किया।
ये रहे उपस्थित –
आयोजन में पत्रकार डॉ. प्रदीप शेखावत, जार के जिलाध्यक्ष नरेन्द्र शर्मा, समाजसेवी विनोद गोठड़िया, पूर्व प्राचार्य भंवरसिंह सामौर, संस्था के सचिव कमलनयन तोषनीवाल, कार्यक्रम संयोजक किशोर सैन, दिनेष स्वामी, गिरधर शर्मा, मोहन चेतन्य षास्त्री, हाजी श्मसुदीन स्नेही, भवरलाल गिलाण, बाबूलाल टाक, बाबूलाल तेजस्वी, रतनलाल सैन, पार्षद श्रीराम भामा, इलियास खाँ, शंकरलाल गोयनका, जिला उधोग अधिकारी फिरोज भाटी, हरिषचन्द्र शर्मा, महावीर पाटनी, रामनिवास गुर्जर सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थें।
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