गोचर भूमि पर कब्जे कराने के विरोध में देवीसिंह भाटी ने दी भूख हड़ताल की चेतावनी
बीकानेर, (समाचारसेवा)। गोचर भूमि पर कब्जे कराने के विरोध में देवीसिंह भाटी ने दी भूख हड़ताल की चेतावनी, पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी ने राज्य सरकार के ओरण, गोचर, चारागाह भूमि पर अतिक्रमण की गई भूमि के पट्टे जारी करने के निर्णय के विरोध में भूख हड़ताल, साधु-संतों के साथ अनिश्चित कालीन धरना देने की चेतावनी दी है।
भाटी के अनुसार राज्य सरकार ने गत वर्ष 15 दिसम्बर को हुई राजस्थान सरकार मंत्री मण्डल की बैठक में इस प्रकार का निर्णय किया है। बीकानेर में मीडिया से बातचीत करते हुए भाटी ने बताया कि इस संबंध में राजस्थान सरकार को पत्र भेजकर ये निर्णय वापस लेने को कहा है। इस पर अमल होता है तो ठीक वरना हमें मजबूरन पूरे राज्य में जिलेवार साधू संत, गो प्रेमी, पशुपालकों के साथ अनिश्चितकालीन धरना देना होगा।
पूर्व मंत्री भाटी प्रवक्ता सुनील बांठिया के अनुसार गोचर भूमि पर अतिक्रमणकारियों को पट्टे जारी करने का जो निर्णय लिया है उसे भाटी ने सरासर अनुचित बताया है। इससे अतिक्रमियों को और प्रोत्साहन मिलेगा। देवीसिंह भाटी ने कहा कि इसी सरकार द्वारा सन् 2011 में चरागाह भूमि विकास के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा महा नरेगा के तहत गोचर ओरण चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए बड़ा निर्णय लिया गया था।
ऐसी भूमि को विकसित करने के लिए महानरेगा के तहत घास स्थानीय प्रजाति के पेड़ पौधे लगाये जाने हैं जिससे गोवंश पशुधन चराई कर सके। लेकिन सरकार अब अपने ही निर्णय के विपरीत जाकर गोचर के अतिक्रमणकारियो को पट्टे जारी करने का निर्णय लेती है। भाटी के अनुसार सरकार को चाहिए था कि ऐसी भूमि पर कब्जे की नीयत से जाने वाले को तुरंत बेदखल करती।
उन्होंने कहा कि समय-समय पर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने भी परंपरागत नदी, नाले, तालाब, गोचर, ओरण पायदान, चरागाह भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण अतिक्रमण नहीं हो, इसके लिए विभिन्न प्रदेशों की सरकारों को पाबंद कर निर्देशित किया गया है।
भाटी ने कहा कि राज्य सरकार का निर्णय घोर अनैतिक ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विरुद्ध देसी गाय की नस्ल को समाप्त करने का निर्णय है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया गया वे पहले अनिश्चितकालीन धरना देंगे और उस धरने को ही भूख हड़ताल में बदल देंगे।
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