सीएमएचओ ने कहा अवैध गर्भपात का प्रयास, आरोपी डॉक्टर बोला, की थी सामान्य जांच
नीरज जोशी
बीकानेर (समाचार सेवा), सीएमएचओ ने कहा अवैध गर्भपात का प्रयास, आरोपी डॉक्टर बोला, की थी सामान्य जांच। चिकित्सा विभाग बीकानेर व जयपुर ने पुलिस की मदद से अवैध रूप से गर्भपात कराने का प्रयास कर रहे एक आरोपी डॉ. ओ. पी. मोदी को गिरफतार किया है। पीबीएम अस्पताल के सामने एक्सरे गली में डॉ. मोदी का क्लिनिक है।
डॉक्टर पर आरोप है कि उसने 20 हजार रुपये लेकर अवैध तरीके से गर्भपात करने का प्रयास किया है। आरोपी तथा जिस नाबालिग व अविवाहित बालिका का साढे पांच माह का गर्भपात कराया जाना था दोनों को अभी पीबीएम अस्पताल में जांच के लिये ले जाया गया है।
जांच टीम का कहना है कि डॉ. मोदी के क्लिनिक को गर्भपात कराने की इजाजत तक नहीं है यानी इस कार्य के लिये वह क्लिनिक रजिस्टर्ड भी नहीं है। उधर, आरोपी डॉ. मोदी का कहना है कि उसे फांसाया गया है। वह गर्भवती महिला की सामान्य जांच कर रहा था।
इससे पहले महिला के विवाह प्रमाण पत्र की जांच भी की थी तभी उसकी जांच करनी शुरू की थी। आरोपी डॉक्टर के अनुसार गर्भपात कराने का सामान ही अलग होता है जो कि उसके क्लिनिक में नहीं है।
इससे पूर्व मंगलवार दोपहर को चिकित्सा विभाग की टीम ने अवैध गर्भपात कराने के प्रयास की जानकारी मिलने पर डॉ. ओ. पी. मोदी की क्लिनिक पर छापा मारा। सीमएएचओ डॉ. देवेन्द्र चौधरी, कोर्डिनेटर महेन्द्र सिंह शेखावत की इस कार्रवाई के दौरान विभाग की जयपुर से आई टीम भी मौके पर मौजूद थी।
टीम के अनुसार मोदी के क्लिनिक में अवैध रूप से गर्भपात कराने की तैयारी थी। इसीलिये ओपी मोदी की क्लिनिक पर कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि एमपीटी एक्ट में यह कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि सीएमएचओ व कोर्डिनेटर दोनों ही सोमवार से ही इस कार्रवाई के लिये सक्रिय थे।
सीएमएचओ का दावा है कि डॉ. मोदी के क्लिनिक में नाबालिग बच्ची का साढे पांच माह के गर्भ का अवैध रूप से गर्भपात कराया जा रहा था। इसके लिये क्लिनिक की जांच की है। उन्होंने बताया कि आगे की कार्रवाई जारी है।
सीएमएचओ ने बताया कि ये केन्द्र भी एमपीटी की कार्रवाइ्र के लिये रजिस्टर्ड नहीं है। इसके बावजूद बडी राशि लेकर डॉ. मोदी ने अबॉर्शन की हां भरी है। उन्होंने गर्भवती महिला के परिजनों से 20 हजार रुपये भी इस काम के लिये ले लिये थे।
तैयारी के रूप में बच्ची को अबॉर्शन के पिल्स खिलाये थे। इसी दौरान पुलिस व उपस्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। और डॉक्टर को गर्भपात कराने से रोक लिया। सीएमएचओ के अनुसार गर्भपात से बच्ची की जान को खतरा था।
जबकि आरोपी डॉक्टर का कहना है कि उसने गर्भवती महिला का मैरिज सर्टिपिफकेट देखने के बाद उसकी सामान्य जांच शुरू की थी। डॉक्टर का दावा था कि गर्भपात का सामान अलग होता है।
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