बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय शिक्षकों व विद्यार्थियों को पढायेगा धर्म, अध्यात्म और देशी संस्कृति का पाठ
बीकानेर, (samacharseva.in)। बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय शिक्षकों व विद्यार्थियों को पढायेगा धर्म, अध्यात्म और देशी संस्कृति का पाठ, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय ने अपने शिक्षकों व विद्यार्थियों को भारतीय सभ्यता संस्कृति, धर्म व अध्यात्म का पाढ पढाने, विद्यार्थियों में धर्म और अध्यात्म के प्रति जुड़ाव और संस्कृति के प्रति दायित्व के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिये देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के साथ एक एमओयू साइन किया है।
इस समझौते पर संस्कृति विश्वविद्यालय हरिदवार के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या तथा बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एच. डी. चारण ने हस्ताक्षर किए हैं। बीकानेर तकनीकी विवि के कुलपति डॉ. चारण के अनुसार आधुनिकतम शिक्षा व्यवस्था के साथ विद्यार्थी अपनी मूल संस्कृति सभ्यता और आध्यात्मिक धर्म से इन प्रतिनिधि विमुख होता जा रहा है इस कारण उन्हें सांस्कृतिक पुनर्जागरण की मुख्यधारा में शामिल करना अति आवश्यक हो गया है।
डॉ. चारण के अनुसार दुर्भाग्य से आज, शिक्षा को छात्रों की कमाई क्षमता बढ़ाने के लिए एक तरीके के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में शिक्षा के साथ भारत के पैतृक ज्ञान को लागू करने के लिए विश्वविद्यालय को एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। डॉ. चारण का कहना है कि हमारी प्राचीनतम शिक्षा व्यवस्था हमारे संतो ऋषियों और मुनियों द्वारा ज्ञान पर आधारित है।
संस्कृति विश्वविद्यालय के साथ किए समझौता ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने एक प्रयास किया है कि बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी और शिक्षकगण हमारी सभ्यता और संस्कृति को एक बार पुनः पहचानने का प्रयास करेंगे और अपने अनुसंधान के माध्यम से अपने आध्यात्मिक ज्ञान को विकसित करेंगे।
डॉ. चारण के अनुसार दोनो विवि के बीच हुए एमओयू में शैक्षणिक अनुसन्धान, अकादमिक कार्यक्रम, पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण, अकादमिक परियोजनाए, विषय विशेषज्ञ व्याख्यान, सामजिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान के दुवारा समझौता ज्ञापन के तहत विश्वविद्यालय मिलकर धर्म और अध्यात्म के पुनर्जागरण पर कार्य करेंग। इससे सभी में अपनी संस्कृति के प्रति उत्तरदाइत्व की भावना विकसित होगी।
संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि संस्कृति विश्वविद्यालय का उद्देश्य है कि विद्यार्थियों में धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूकता पैदा कर सकें और उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाकर देश के विकास में सर्वस्व समर्पित करने के लिए तैयार कर सकें।
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