भजनलाल सरकार की नई नीतियां पुरानी बोतल में नये जूस जैसी- डॉ. बी. डी. कल्ला
NEERAJJOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। राज्य के पूर्व केबिनेट मंत्री व प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि राज्य की भजनलाल सरकार की नई नीतियां पुरानी बोतल में नया जूस डाल देने जैसी ही हैं। डॉ. कल्ला रविवार को राज्य की भाजपा सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर सर्किट हाउस में शहर कांग्रेस की ओर से आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश में महंगाई व बेरोजगारी चरम सीमा पर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चुनाव आचार संहिता का बहाना बनाकर बचना चाहती है मगर जिन विकास कार्यों को पहले से ही प्रशासनिक तथा वित्तीय मंजूरी मिली हुई हो उन कामों को शुरू क्यों नहीं करवाया गया इसका सरकार के पास कोई जवाब नहीं है।
डॉ. कल्ला ने कहा कि बीकानेर के नए विधायक पिछले एक साल से गोठ जीमने तथा स्वागत कराने में व्यस्त रहे हैं, एक साल बाद विधायक कोटा रिलीज करा पाए हैं। जनता के कामों में वे नाकारा साबित हुए हैं। भाजपा सरकार बताए कि उसने बीकानेर में कोन सी प्राइमरी, सेकेंडरी या हायर सैकेंडरी स्कूल खोली है। कौनसी जनता क्लिनिक खोली है। विधायक कोटे के मंजूर काम भी देरी की जा रही है। लालगढ़ ओवरब्रिज का काम भी शुरू नहीं कर पाये हैं।
क्रमिक अनशन पर बैठेगी बीकानेर कांग्रेस
उन्होंने कहा कि बीकानेर की रेल फाटक समस्या पर यदि आगामी दस महीनों में कोई निर्णय नहीं किया तो पूरी बीकानेर कांग्रेस क्रमिक अनशन पर बैठेगी। पूर्व मंत्री ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार की नीतियों के कारण लोगों पर जीएसटी का भार बढ़ रहा है। डॉ. कल्ला ने भाजपा नेताओं के डीजल व पेट्रोल की कीमतें कम करने के दावों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस के शासन में भाजपा नेता कांग्रेस सरकार पर वैट टैक्स अधिक लगाने का आरोप लगाते थे मगर आज भाजपा सरकार ने भी टैक्स कम नहीं किया है और इस बारे में आज तक कोई नीतिगत निर्णय भी नहीं लिया कि क्या करेंगे।
सब कार्यों का कर रखा है ठप
भाजपा सरकार आज इंदिरा गांधी नहर परियोजना, सिंचित क्षेत्र विकास के सब कार्यों का ठप कर रखा है। कांग्रेस सरकार के समय जो पुरानी सड़के नवनिर्माण के लिये सेंक्सन थी उनको साल भर तक बजट नहीं दिया। अब उन्हीं सड़कों को दुबारा नई बताकर मंजूरी दी जा रही है। राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति चौपट हो चुकी है।
प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्स एक्ट (पॉक्सो एक्ट) के सर्वाधिक मामले दर्ज हुए हैं। इन मामलों में कार्रवाई भी तुरंत नहीं हो रही है। जगह-जगह चेन स्नैचिंग, नकबजनी, लूट, डकैती व चोरी की वारदातें बढ़ी हैं।
एक वर्ष की उपलब्धि नगन्य
डॉ. कल्ला ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार की एक वर्ष की उपलब्धि नगन्य और शून्य रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने इआरसीपी योजना भी कागजों में दबाकर रख दिया है। शहर कांग्रेस के अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने भी राज्य की भाजपा सरकार की नीतियों और कामकाज पर तीखा हमला बोला।
बीकानेर में नहीं हुआ विकास का कोई काम
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि केन्द्र, राज्य तथा नगर निकायों आदि में भाजपा की सरकार होने के बावजूद बीकानेर में एक साल में कोई विकास कार्य नहीं करा पाए। स्थानीय विधायक सालभर गोठ जीमने व स्वागत कराने में ही व्यस्त रहे।
बीकानेर में संचालित बरसिंहसर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का इस वर्ष तक तीसरा चरण आ जाना चाहिये था मगर इसके लिये राज्य सरकार के पास अब तक कोई योजना ही नहीं है। सोर उर्जा के बाद में सबसे सस्ती बिजली लिग्नाईट बेस थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट से मिल सकती है वो सरकार की उदासीनता के कारण नहीं मिल पा रही है।
सिवरेज सिस्टम सबके काम तालाबंदी की तरह ठप
डॉ. कल्ला ने कहा कि बीकानेर पूर्व तथा पश्चिम की सड़कें, नालिया, सिवरेज सिस्टम सबके काम तालाबंदी की तरह ठप कर रखे हैं। जगह-जगह गंदगी के ढेर हैं। सड़कों पर सिवरेज व नालों का पानी पड़ा रहता है। बीकानेर में सिवरेज योजना पर वर्तमान सरकार क साल में यह तय नहीं कर पाई है कि इसका रखरखाव का काम नगर निगम करेगी या यूआईटी।
शहर की रेल फाटक समस्या समाधान के लिये कांग्रेस सरकार ने 35 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये मगर इसके बारे में सरकार के पास अब कोई योजना ही नहीं है। उन्होंने बताया कि मुक्ता प्रसाद सीएचसी में एक साल से डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ का इंतजार हो रहा है। सीएचसी को ताला लग चुका है।
एमडीवी बालिका कॉलेज की सुध नहीं ली जा रही
मुरलीधर व्यास नगर में शुरू किये गए नए बालिका कॉलेज की सुध नहीं ली जा रही है। आयुर्वेद कॉलेज के लिये 45 करोड़ रुपये मंजूर थे, यहां भी कोई काम नहीं किया है। पब्लिक हैल्थ साइंस कॉलेज मंजूर है इसमें भी एक साल में कोई काम नहीं हुआ।
डूंगर कॉलेज के ऑडिटोरियम का काम एक साल से अटका हुआ है। इनके डूंगर कॉलेज व एमएस कॉलेज को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेज बनाने के दावे भी अधूरे पड़े हैं।
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