बीकानेर, (समाचार सेवा)। शाइर गुलाम मोहियुद्दीन माहिर के दूसरे ग़ज़ल संग्रह ‘‘आतशे-क़ल्बो-जिगर’’ का विमोचन रविवार को नरेन्द्र सिंह ऑडिटोरियम
में हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि मौलाना अब्दुल वाहिद अशरफी थे। अध्यक्षता डॉ. श्रीलाल
मोहता ने की। विमोचन के पश्चात गुलाम मोहियुद्दीन माहिर ने ‘‘आतशे-क़ल्बो-जिगर’’ की प्रथम कृति अपने बच्चों राना और अयान को भेंट की।
माहिर ने अपने बच्चों को अपने
लेखन का प्रेरणा स्रोत बताया। समारोह में वक्ताओं ने
कहा कि माहिर की ग़ज़लों में रूहानियत के साथ-साथ आम आदमी का आक्रोश और उसकी पीड़ा भी महसूस
की जा सकती है। माहिर की ग़ज़लें समाज को आईना दिखाने का काम बखूबी करती है। सोशल प्रोग्रेसिव
सोसाइटी बीकानेर की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय एकता संस्थान के अध्यक्ष हाफिज फरमान अली, राजेन्द्र जोशी विशिष्ट अतिथि
रहे।
समारोह में उर्दू रचनाकार श्रीमती
सीमा भाटी, डॉ. शकीला बानो, शाइर रवि शुक्ल, आयुर्वेद विशेषज्ञ अल्लाहदीन निर्वाण, पेंटर धर्मा, सोशल प्रोग्रेसिव सोसाइटी के अध्यक्ष नदीम अहमद नदीम, उपाध्यक्ष संजय जनागल ने भी
विचार रखे। संचालन ज्योतिप्रकाश रंगा ने किया। एडवोकेट शमशाद अली ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सरल विशारद, डॉ. भंवर भादाणी, बुलाकी शर्मा, जीत सिंह, मधु आचार्य, डॉ. सुलक्षणा दत्ता, डॉ. मेघना शर्मा, डॉ. मंजू कच्छावा, हरीश बी शर्मा, संजय पुरोहित,
इमरान अहमद, इमरोज नदीम, अरमान नदीम, जहीन बीकानेरी, बृजेन्द्र गोस्वामी, अल्लादीन निर्वाण, अब्दुल रऊफ राठौड़, अयान, अल्ताफ अहमद, विजय शर्मा, वली मोहम्मद गौरी, जब्बार बीकाणवी, मौलाना इरफान नौमानी, मुकता तैलंग, चन्द्रप्रकाश जोशी, अरूण कुमार शर्मा, इम्तियाज अहमद, मोहम्मद शाकिर, लक्ष्मण आचार्य, सरदार अली पड़िहार, नन्दकिशोर सोलंकी, रवि पुरोहित, संजय श्रीमाली, फकरूदीन, डॉ. पी.के. चमौली, डॉ. मोहम्मद फारूक चौहान, पूनमचन्द गोदारा, ओमप्रकाश सारस्वत, विप्लव व्यास, अहमद हारून कादरी, प्रमोद कुमार शर्मा,