कब सुनाई देगी लॉयन की दहाड़ ? जांगळ देश के लॉयन की दहाड़ सुनने को लोग तरस गए हैं। एक समय में अपराधियों के साथ-साथ लॉयन के जंगल में उनके साथी अधिनस्थ खाकीधारी भी सहम जाया करते थे। जब से एक बाला की बला लॉयन को लगी है तब से लॉयन की दहाड़ सुनने को लोग तरस गए हैं। बला टलने के इंतजार में लॉयन जांगळ देश में प्रकरण के बाद से नजर नहीं आये हैं।
अब वे वापस जांगळ देश के लॉयन
के रूप में आकर फिर दहाड़ेंगे या अपनी छुट्टियां बढ़ाकर सरकार के आदेश का इंतजार करते
रहेंगे। खाकी महकमे सहित शहर के पाटेबाज भी अब लॉयन के जांगळ देश आने व ना आने के बारे में शर्तें लगा रहें हैं। कई पाटेबाज
तो यह चुटकी लेने से नहीं चूक रहे कि सट्टा बाजार में साहब के नहीं आने के भाव चल रहे हैं।
कुछ पाटेबाज दावा करते हैं कि
लॉयन अब तबादले के आदेश के साथ ही आयेंगे जबकि कुछ का दावा है कि बाला की बला प्रकरण
से बिगड़ी छवि को सुधारने के लिये लॉयन कुछ समय जांगळ देश में ही रहकर फिर पुरानी दहाड़
लगायेंगे। अब आ भी जाओ लॉयन सर, ये सब तो चलता रहता है।
* जारी है चोर-पुलिस का
खेल
टाइगर ने हाल ही में दो बड़ी
चोरियों का खुलासा किया। डिजी ट्रेक मशीने चुराने वाले अंतरराज्यीय चोर गिरोह को दिल्ली
से दबोचा तो शहर में बाइक चुराने वालों को भी धर दबोचा मगर चोर-पुलिस का खेल शहर में अब भी जारी है। ये तो सीसीटीवी का कमाल है कि लोगों को कुछ पता चल जाता है कि चोर कब
आया, क्या ले गया।
पर क्या करें चोर को पकड़ने का
काम तो पुलिस ही कर सकती है। शहर में चारों ने खाकीधारियों के नाक में दम कर रखा है।
आज तड़के ही टैक्सी में सवार होकर आये चोर ने बाकायदा एक घर के आगे से पानी की मोटर
उखाड़ी और आराम से टैक्सी में सवार होकर वापस चला गया। सीसीटीवी से यह पता चला।
मुरलीधर व्यास कॉलोनी में राज्य
के बाहर से चौपहिया वाहन पर बैठकर आये चोरों को भी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पकड़ा। इस सबके बावजूद चोरियां रुक नहीं रही
है। वाहन चोरी के एक गिरोह का भंडाफोड़ होता है तो दूसरा गिरोह चोरी का काम बदस्तूर
जारी रख रहा है। यही हाल रात को घरों में होने वाली चोरी का है। अब तो एक ही सहारा
है, जागते रहो-जगाते रहो।
* नहीं सुधरेगी शहर की
यातायात व्यवस्था
शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने
के नाम पर अनगिनत बैठकें होने के बावजूद यातायात व्यवस्थित रूप से संचालित नहीं हो
पा रहा है। जिला प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को सुचारू करने के लिये कई प्रयास किए
हैं मगर शहर में पर्याप्त पार्किंग सुविधा के अभाव में रास्ते में खड़ी गाड़िया पूरा यातायात ठप कर देती हैं।
हाईवे पर भले ही कुछ व्यवस्था हो मगर शहर के अंदरुनी इलाके में यातायात व्यवस्था भगवान भरोसे हैं। अतिक्रमण के चलते सड़के छोटी हो गई। इन्हे बड़ी करना किसी के बस में नहीं। यातायात व्यवस्था को लेकर होने वाली बैठकों में बड़े बड़े दावे किये जाते हैं मगर शहर में पहुंचते ही सारे दावों की हवा निकल जाती है।