भगवान श्रीराम के समान था महाराणा प्रताप का आचरण : डॉ. मेघना
बीकानेर, (समाचार सेवा)। भगवान श्रीराम के समान था महाराणा प्रताप का आचरण : डॉ. मेघना,महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर की इतिहास विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ मेघना शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप का आचरण भगवान श्रीराम के समान था। श्रीराम ने राज्य के भले के लिये वनवास झेला और प्रताप ने भी।
डॉ. मेघना गुरुवार को महाराणा प्रताप जयंती पर स्थानीय नरेन्द्र ऑडिटोरियम में
आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि महाराणा
प्रताप ने ऐसे समय में मेवाड़ की प्रतिष्ठा को बचाये रखने का प्रयास किया जब लगभग पूरे देश में सम्राट
अकबर का राज हो चुका था।
डॉ. मेघना ने कहा कि सम्राट अकबर भी महाराणा प्रताप की वीरता से भयभीत रहता था। जब महारणा प्रताप ने अपने पुत्र को जंगलों में भूख प्यास से बिलखते देखा तो उन्होंने अकबर से संधि करने का पत्र भी लिखा मगर बाद में अकबर के दरबार में कार्यरत पृथवीसिंह ने पत्र के जरिये महाराणा को उनकी शक्ति व सामर्थ की याद दिलाई तो प्रताप ने पुन: संघर्ष का रास्ता अपनाकर देशप्रेम की मिसाल पेश की।
डॉ. मेघना ने कहा कि महाराणा प्रताप इतिहास में आज और आगे सदियों तक देशप्रेम की एक मिशाल के रूप में जाने जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रताप देशप्रेम के सबसे बड़े उदाहरण हैं। भारत विकास परिषद की ओर से आयोजित प्रताप जयंती समारोह की अध्यक्षता डॉ. त्रिभुवन शर्मा ने की।
समारोह में भारत विकास परिषद अध्यक्ष उमेश मेहन्दीरत्ता, बसंती हर्ष, डॉ. दिप्ती बहल सहित अन्य अतिथियों व वक्ताओं ने समारोह में महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर प्रकाश डाला। संचालन आभा गुप्ता ने किया।