वीसी के बचाव में उतरी एमजीएसयू कर्मचारी कल्याण समिति की फौज
एसपी को ज्ञापन देकर की मामले में एफआर लगाने की मांग
एमजीएसयू वीसी छेड़छाड़ प्रकरण
बीकानेर, (समाचार सेवा)। वीसी के बचाव में उतरी एमजीएसयू कर्मचारी कल्याण समिति की फौज, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर के वीसी प्रो. वीके सिंह व साथी स्टाफ सदस्यों पर एक शिक्षिका द्वारा लगाए गए छेड़छाड़ व प्रताड़ना के आरोप के मामले में कर्मचारी कल्याण समिति वीसी व विवि के अन्य आरोपी सदस्यों के बचाव में सामने आई है।
समिति की ओर से जिला पुलिस अधीक्षक को सोमवार को भेजे ज्ञापन में विवि के सहायक आचार्यों, वरिष्ठ अधिकारियों-कर्मचारियों सहित कुल 63 विवि कार्मिकों ने मामले की तुरंत निष्पक्ष जांच कर एफआर लगाने की मांग की है।
समिति ने कुलपति सहित सभी निर्दोष शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राहत मिल सके इसके लिये सम्पूर्ण प्रकरण में निष्पक्ष जांच करने तथा शीघ्रातीशीघ्र एफ.आर. लगाई जाने की मांग की है।
समिति की अध्यक्ष आनंदी गढ़वाल ने बताया कि ज्ञापन की प्रतियां राज्य के प्रमुख शासन सचिव, राज्यपाल के प्रमुख सचिव सहित सभी संबंधितों को प्रेषित की गई है।
ज्ञापन में कहा गया है कि शिकायतकर्ता सहायक आचार्य द्वारा कराई गई एफ.आई.आर. एवं शिकायती पत्र में दर्ज आरोप निराधार एवं असत्य तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किये गये हैं। इसके कारण विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है।
विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों में इस कारण भारी रोष व्याप्त है। ज्ञात रहे कि विवि की एक सहायक आचार्य शिक्षिका ने 26 अगस्त को नाल थाने में वीसी सहित विवि के चार अन्य अधिकारी-कार्मिकों के खिलाफ छेड़छाड़ व प्रताडना का मामला दर्ज कराया था।
इसके साथ ही पीडिता ने 27 अगस्त को पुलिस अधीक्षक को एक पत्र देकर विवि के छह अन्य अधिकारी कार्मिकों से जान का खतरा होने की आशंका बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी।
कर्मचारी कल्याण समिति से जुडे सदस्यों का कहना है कि सहायक आचार्य की एफ.आई.आर. एवं शिकायती पत्र में दर्ज आरोप निराधार एवं असत्य है।
इसके कारण विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है। ज्ञापन में बताया गया है कि विश्वविद्यालय के इतिहास में इससे पूर्व इस प्रकार की शिक्षकों, कर्मचारी एवं अधिकारियों के विरूद्ध पुलिस कार्यवाही सम्बंधी कोई घटना नहीं हुई है। विश्वविद्यालय में सभी शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों में पारिवारिक एवं सौहार्द का माहौल रहा है।
ऐसे में एक महिला शिक्षक द्वारा कुलपति सहित 4 अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराना तथा 6 अन्य शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध शिकायती पत्र प्रस्तुत कर अर्थात 11 शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियो के विरूद्ध एफ.आई.आर./शिकायत दर्ज कराना द्वेषता की भावना को दर्शाता है।
इसके कारण उक्त सभी की छवि को व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्तर पर धूमिल किया गया है जो कि सही नहीं है। ज्ञापन में कहा गया है कि उक्त प्रकरण में विश्वविद्यालय परिवार जांच में पूर्ण रूप से आवश्यक सहयोग करेगा।
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