नकली जन्म कुंडली बनवाकर होते थे बाल विवाह : डॉ.मेघना शर्मा
डॉ. मेघना ने राजस्थान हिस्ट्री कांग्रेस अधिवेशन के दूसरे दिन अंतिम सत्र की अध्यक्षता की
बीकानेर, (समाचार सेवा)। नकली जन्म कुंडली बनवाकर होते थे बाल विवाह : डॉ.मेघना शर्मा, महाराजा गंगासिंह विश्व विद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर में इतिहास विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. मेघना शर्मा ने कहा कि एक समय में राजस्थान में नकली जन्म प्रमाण पत्र और जन्म कुंडली बनवाकर बाल विवाह करवाये जाते थे। इस कुप्रथा को आर्य समाज ने रुकवाया।
डॉ. मेघना जोधपुर में महिला महाविद्यालय जोधपुर द्वारा आयोजित राजस्थान हिस्ट्री कांग्रेस के 36 वें अधिवेशन के दूसरे दिन रविवार को जेंडर बेस्ड रिफॉर्म्स ऑफ दयानंद इन मॉडर्न हिस्ट्री ऑफ राजस्थान विषयक अपने पत्र का वाचन कर रही थीं।
उन्होंने बताया कि आधुनिक भारतीय इतिहास में एक समय ऐसा भी था जब राजस्थान की ब्रिटिश प्रांतों में बाल विवाह विरोधी शारदा एक्ट क्रियान्वित होने के पश्चात माता-पिता भारतीय प्रांतों में जाकर नकली चिकित्सीय प्रमाण पत्र और जन्म कुंडली बनवा कर चोरी छिपे अपने बच्चों के बाल विवाह संपादित करने लगे।
इन स्थितियों के मद्देनजर आर्य समाज ने सुधार हेतु कदम बढ़ाए और 1938 में शारदा एक्ट में संशोधन करते हुए ब्रिटिश प्रांतों से भारतीय प्रांतों में जाकर बाल विवाह करने या करवाने वाले लोगों हेतु दंड का प्रावधान किया।
डॉ. मेघना ने बताया कि रियासतों में बाल विवाह विरोधी गुट निर्मित किए गए जो बुद्धिजीवी वर्ग के सहयोग से बाल विवाह जैसी कुप्रथा के दुष्परिणामों से जनमानस को अवगत करवाते थे।
डॉ. मेघना शर्मा ने राजस्थान हिस्ट्री कांग्रेस के 36 वें अधिवेशन के दूसरे दिन अंतिम सत्र की अध्यक्षता की। इस अंतिम तकनीकी सत्र में देशभर के शोधार्थियों ने अपने पत्रों का वाचन कर राजस्थान के इतिहास के वृहद फलकों पर अपनी बात रखी।
इससे पूर्व उद्घाटन सत्र में सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के इतिहास विभाग की पूर्व प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष प्रो. मीना गौड़ को राजस्थान हिस्ट्री कांग्रेस की अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
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