बीकानेरी भुजिया पर आया संकट समाप्त, श्रमिकों हडताल हुई खत्म
बीकानेर, (समाचार सेवा)। भुजिया कारीगरों की 1 मई से चल रहा धरना, प्रदर्शन व हडताल शुक्रवार रात से समाप्त हो गया है। एडीएम सिटी शैलेन्द्र देवडा की मध्यस्थता के बाद शुक्रवार रात को बीकानेर भुजिया नमकीन श्रमिक संघ तथा बीकानेर पापड भुजिया मैन्यूफैक्चरिंग एसोसियेशन के बीच मजदूरी बढाने को लेकर समझौता हो गया है।
श्रमिक प्रति 12 किलो बेसन की भुजिया बनाने में 28 रुपये बढोतरी चाहते थे मगर अब श्रमिक 20 रुपये बढोतरी पर समझौता कर चुके है। यानी वर्तमान में 12 किलो बेसन का भुजिया बनाने पर एक कारीगर को 126 रुपये मिलते थे। बढोतरी के रूप में वे 154 रुपये मांग रहे थे मगर शुक्रवार को हुए समझौते में श्रमिक 8 रुपये कम यानी कुल 146 रुपये प्रति 12 किलो बेसन की भुजिया बनाने की मजदूरी लेने पर सहमत हो गए हैं।
इस समझौते के चलते पिछले 11 दिनो से चल रही भुजिया श्रमिकों की हड़ताल समाप्त हो गई। श्रमिकों को बढती हुई दर इस वर्ष 1 अप्रैल से मिलेगी। समझौते के अनुसार किसी भी श्रमिक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी। हडताल के दौरान निकाले गए श्रमिकों को भी कारखाना मालिकों को वापस काम पर लगाना होगा।
बढी हुई मजदूरी का एरियर केवल स्थायी रूप से कार्यरत श्रमिकों को मिलेगा। समझौता दो वर्ष की अवधि के लिये मान्य होगा। उसके बाद भविष्य में राज्य सरकार दवारा दी जाने वाले महंगाई भत्ते में बढोतरी के प्रतिशत के अनुसार दो साल में समीक्षा की जाएगी। इसके लिये किसी पक्ष को एतराज नहीं होगा।
समझौता वार्ता में बीकानेर भुजिया नमकीन श्रमिक संघ के अध्यक्ष विजय सिंह और सचिव भागीरथ सिंह तथा भुजिया मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष घेवर चन्द व सचिव वेद प्रकाश के अलावा बीकानेर व्यापार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सोनूराज आसुदानी और श्याम कुमार तवर प्रवक्ता के अलावा समाजसेवी युधिष्ठिर सिंह भाटी भी उपस्थित रहे।
दोनो तरफ से हुआ झुकाव, जीत-हार का होगा आकलन
भूजिया श्रमिकों की हडताल से श्रमिकों को कितना फायदा हुआ। मालिकों को कितना फायदा हुआ यह तो भविष्य में पता चलेगा मगर यह जरूर है कि भुजिया श्रमिक केन्द्र सरकार की महंगाई भत्ते की दर से बढी हुई मजदूरी मांग रहे थे जो उन्हें नही मिली और समझौते में श्रमिक संघ ने यह भी मान लिया कि आगामी वर्षों में राज्य की महंगाई भत्ते की दर से ही दो साल में समीक्षा की जाएगी।
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