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साधारण सभा में महापौर बोले, पास के बगैर आये पार्षद बाहर चले जाएं

बीकानेर। लगभग साढ़े तीन माह बाद बुधवार 20 जून को हुई बीकानेर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक बुधवार को हंगामे की  भेंट चढ़ गई। पहली बार सदन में पार्षदों को  प्रवेश द्वार पर ही प्रवेश पास नहीं होने पर रोका गया।

PHOTO BY RAJESH CHHANGANI

इसे लेकर सदन में काफी हंगामा हुआ। सत्ताधारी दल भाजपा तथा विपक्षी दल कांग्रेस दोनों के ही पार्षदों ने प्रवेश पत्र मामले पर एकस्वर में हंगामा किया। हालांकि महापौर नारायण चौपड़ा पास की व्यवस्था पर अडिग रहे और उन्होंने तो यह तक कह दिया कि जो लोग बिना पास के अंदर हैं वे अपने आप बाहर चले जाए वरना बाद में किसी को बेईज्जत होना पड़ेगा।

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भाजपा पार्षद कृष्णा कंवर ने कहा कि क्या पार्षद आंतकवादी है? जो उनको प्रवेश के लिए इस प्रकार की अनुमति की अवश्यकता है। वहीं भाजपा पार्षद ताहिर ने महापौर से जिरह करते हुए कहा की जनता ने हमें चुनकर जो पास दिया है उसके बाद इस सदन में आने के लिये और किसी पास की आवश्यकता नहीं है।

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दरअसल, नगर निगम की ओर से इस बार साधारण सभा में प्रवेश के लिए सभी जनप्रतिनिधियों और निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों को ‘पास’ जारी किए गए थे। पहले से इसकी जानकारी ज्यादातर लोगों के पास नहीं थी। साधारण सभा के शुरू होते ही कांग्रेस- भाजपा के पार्षदों ने सबसे पहले निगम के इसी निर्णय का विरोध किया।

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कांग्रेस-भाजपा पार्षदों ने कहा कि वे जनप्रतिनिधि हैं, जनता ने उन्हें चुनकर यहां भेजा है। फिर बैठक में शामिल होने के लिए ‘पास’ की जरूरत कहां हुई। कुछ देर बाद यह मुद्दा तो खत्म हो गया लेकिन पार्षदों ने आज हुई साधारण सभा की बैठक के दौरान मौजूद पुलिस जाब्ते को लेकर भी अपना विरोध महापौर नारायण चौपड़ा और निगम आयुक्त के सामने जताया।

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पार्षदों ने कहा कि साधारण सभा की बैठक के लिए चार-पांच दर्जन पुलिसकर्मियों की मौजूदगी महापौर और निगम प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े कर रही है। इससे पहले भी यहां साधारण सभा होती रही है लेकिन आज तक इतनी पुलिस की मौजूदगी कभी नहीं देखी गई। दूसरी ओर मनोनीत पार्षद उम्मेद सिंह ने नगर निगम की साधारण सभा के दौरान की गई भारी पुलिस व्यवस्था पर ऐतराज जताया।

सदन में नेता प्रतिपक्ष जावेद पड़िहार, निर्दलीय पार्षद आदर्श शर्मा ने निगम कार्मिकों पर विकास कार्यों में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाया। इन पार्षदों ने एलईडी लाईटों सहित अनेक उपकरणों की खरीद में  भ्रष्टाचार की आशंका जताई। महापौर चौपड़ा ने इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण या संतोषजनक जवाब सवाल पूछने वाले पार्षदों को नहीं दिया।

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बार-बार कागजात व उपकरणों की लिस्ट सदन के समक्ष रखने की मांग को लेकर अडिग हुए विपक्षी पार्षदों ने आखिरकार धरने पर बैठ गए।  लगभग बीस मिनट तक चले इस घटनाक्रम के बाद महापौर ने बैठक को स्थगित करते हुए सदन को छोड़ दिया।

इससे पूर्व भी साधारण सभा में महापौर के रवैय पर  पूर्व सभापति और भाजपा पार्षद अखिलेश प्रताप सिंह ने यहां तक कह दिया कि महापौरजी हमारा तो कार्यकाल समाप्त होने को है लेकिन लगता है आपका कार्यकाल खत्म नहीं होगा। पूर्व सभापति महापौर कक्ष में लगाये संसाधनों पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि पिछले साढ़ें तीन साल में पार्षदों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा, जबकि नये आयुक्त ने गंभीरता से काम करते हुए पार्षदों की समस्याएं हल की है।

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भाजपा पार्षद राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि महापौर लाचार है जिसके कारण निगम प्रशासन को ना तो पार्षदों की सुनता है और ना ही राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटियों के अध्यक्ष और सदस्यों की। उन्होंने सफाई कार्य के लिए की गई खरीदे गये उपकरणों में सफाई कमेटी के अध्यक्ष से सलाह ना करने पर आपत्ति जताई। वहीं पार्षद गिरिराज जोशी, नरेश जोशी, दिनेश उपाध्याय ने सफाई कर्मी की ऐवज में दूसरे कार्मिक काम करने पर लाल-पीले हो गये।

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उन्होंने कहा कि जब सफाई कर्मचारी नियुक्त है तो उनके परिजन व रिश्तेदार उनकी ऐवज में काम क्यों कर रहे है? अगर व्यवस्था नहीं सुधरी तो आयुक्त के कार्यालय के समक्ष धरना देंगे। बैठक की शुरूआत में ही नेता प्रतिपक्ष जावेद पड़िहार ने महापौर से पूछ लिया था कि आप इस बैठक में चर्चा करवाना चाहते है या निर्णय? जिसको लेकर कई देर तक जमकर हंगामा हुआ। महापौर ने प्रतिउत्तर में कहा कि चर्चा भी होगी और निर्णय भी। पार्षद एक-एक करके प्रश्न पूछे, जिनका जवाब बाद में दे दिया जाएगा। जबकि किसी का जवाब नहीं दिया गया।

पूर्व उपराष्टपति शेखावत की मूर्ति लगेगी

नगर निगम की साधारण सभा में पार्षदों ने पूर्व उप राष्टÑपति स्व. भैरूसिंह शेखावत की मूर्ति लगाने का निर्णय लिया। महापौर नारायण चौपड़ा ने बताया कि जयपुर बाईपास चौराहे पर पूर्व राष्टÑपति भैरूं सिंह शेखावत की मूर्ति लगाने का प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि शहर की अनेक विभुतियों के नाम पर सड़क मार्ग नामकरण  किए जाएंगे।

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इनमें भगवान परशुराम, पूर्व महापौर भवानीशंकर शर्मा, इंडियन ऑयडल-2 संदीप आचार्य, डॉ. विजय बोथरा, पूर्व विधायक नंदलाल व्यास, समाजसेवी बिठ्ठलदास राठी, पूर्व महाराजा करणसिंह, द्वारकाप्रसाद तिवाड़ी, पार्षद पति हेतराम सियाग, समाजसेवी शंकरलाल भादाणी, पंडित गंगादास भादाणी, माणकलाल जावा व पत्रकार बजरंग शर्मा के नाम शामिल हैं। महापौर के अनुसार इन प्रस्तावित मार्गों का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। इसकी अनुशंसा होने के बाद ही मार्गों का नामकरण होगा।

भारी पुलिस जाब्ते के साथ शुरू हुई साधारण सभा

नगर निगम में बुधवार को छावनी जैसा माहौल बना दिया गया। बताया गया कि गड़बड़ी फैलाने की आशंका के चलते निगम में अधिक मात्रा में पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है। कड़े पुलिस पहरे में शुरू हुई साधारण सभा में दो डीवाईएसपी, चार थानों के अधिकारी सहित 50 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किये गए।

हंगामें के बीच कई प्रस्ताव पारित

आरोप-प्रत्यारोप के बीच साधारण सभा में डीएलबी के निर्देशानुसार सफाईकर्मियों की भर्ती में 250 पद और बढ़ाने का प्रस्ताव पारित हुआ। वहीं संविदा पर कार्यरत टे्रक्टर चालक और अन्य कर्मचारियों को सफाईकर्मियों की भर्ती में विशेष प्राथमिकता दिए जाने के प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजे जाने का निर्णय लिया गया।

भाजपा पार्षदों ने ही लगाए घोटाले के आरोप

बैठक में भाजपा पार्षदों ने निगम प्रशासन पर ट्रेक्टर खरीद में कमीशन लेने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि निगम के पास पहले से ही जो ट्रेक्टर हैं, वे भी यूं ही खड़े हैं। उन पर कर्मचारी ही नहीं है। ऐसे में निगम प्रशासन को नए ट्रेक्टर खरीदने की जरूरत ही क्योंकर पड़ी। कमीशन हासिल करने के लिए ही जबरन नए ट्रेक्टर खरीदे गए हैं।