Home SAHITYA GATIVIDHI आकाशवाणी पर नाटक बेटी का प्रसारण सोमवार को 

आकाशवाणी पर नाटक बेटी का प्रसारण सोमवार को 

बीकानेर (समाचार सेवा)। आकाशवाणी बीकानेर के ढोला मारू चैनल से सोमवार 30 अप्रैल 2018 को रात 10 बजे वरिष्ठ उद्घोषक और निर्देशक प्रमोद कुमार शर्मा के निर्देशन में नाटक बेटी का प्रसारण होगा।

नाटक का कथानक एक वृद्ध दंपत्ति द्वारा बेटी को गोद लेने के संबंध में है। बेटी की महत्ता को दर्शाते वृद्ध दंपत्ति समाज को यह संदेश देते हैं कि बेटी को बचाने और आगे बढ़ाने के लिए उम्र बाधक नहीं बनती। इसका जिम्मा युवा पीढ़ी ही नहीं बल्कि समस्त समाज का और समाज के प्रेरक वरिष्ठ नागरिक का है।

नाटककार मोहन थानवी के लिखे इस नाटक में बीकानेर के वरिष्ठ रंगकर्मी और आकाशवाणी के ख्याति प्राप्त वरिष्ठ कलाकारों ने अपनी आवाज दी है।  नाटक को आकाशवाणी कलाकार आभाशंकरन, लक्ष्मीनारायण सोनी, मोनिका गौड़, और कोमल तनेजा ने अपनी आवाज के अभिनय से जीवंत बनाया है।

नाटककार मोहन थानवी ने बताया कि पुखराज मीणा के संयोजन में नाटक की रिकॉर्डिंग एक ही टेक में पिछले दिनों की गई।  निर्देशक प्रमोद कुमार शर्मा  पार्श्व संगीत और इफैक्ट से नाटक को और भी अधिक प्रभावशाली बनाया है।

बीएसएनएल की सेवायें गडबडाई

बीकानेर (समाचार सेवा)शहर में बीएसएनएल फोन, मोबाईल फोन तथा इंटरनेट कनेक्‍शन कब अचानक ठप हो जाएंगे ये कोई कह नहीं सकता।

अनेक लोग बीएएसएनएल की व्‍यवस्‍थायें ठप होने पर विभाग को फोन लगाते हैं तो वहां फोन उठाने वाला कोई नही होता है। यदि कस्‍टमर बीएसएनएल कार्यालय पहुंच जाए तो भी उनकी समस्‍या सुनने वाला कोई नहीं होता है। कोई मिलता है तो वो यही जवाब देता है कि समस्‍या चंडीगढ से है।

वहां से जैसे ही ठीक होगी बीएसएनएल की व्‍यवस्‍थायें सुचारू हो जाएंगी। परेशान लोग दूसरी टेलीफोन कंपनियों की ओर मुड जाते हैं।

गडबडाई शहर की सफाई व्‍यवस्‍था

बीकानेर (समाचार सेवा)बीकानेर में सफाई व्‍यवस्‍था गडबडाई हुई हे। अनेक लोगों व संगठनों ने नगर

निगम को ज्ञापन भेजकर सफाई व्‍यवस्‍था सुचारू करने की मांग की मगर व्‍यवस्‍था सुचारू नहीं हो सकी। कहीं विवाह स्‍थलों के बाहर गंदगी को हटाने की व्‍यवस्‍था नहीं है तो कहीं नालों को सफाई करने की सुचारू व्‍यवस्‍था को लेकर बार बार आग्रह करने के बावजूद नाले गंदगी से अटे पडे हैं।

सडकों के गडढे तो और भी हालात खराब करने वाले हैं। आवारा पशुओं व सडक के गडढों ने राहगीरों को कई बार चोटिल किया है। जिला प्रशासन किसी भी प्रकार की जिम्‍मेदारी नहीं लेता है।