प्रशिक्षण शिविरों से महिलाएं बनती है स्वावलम्बी – किशन आजाद
बीकानेर, (समाचार सेवा)। प्रशिक्षण शिविरों से महिलाएं बनती है स्वावलम्बी – किशन आजाद, सखा संगम के तत्वावधान में ब्रह्म बगीचे में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में जनजीवन कल्याण सेवा समिति की पदाधिकारी श्रीमती सुधा आचार्य और डॉ.सुषमा बिस्सा को आजाद परिवार की तरफ से सिलाई मशीनें श्रीमती शारदा व्यास एवं नीलम व्यास ने भेंट की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय में उप निदेशक (जनसंपर्क) किसन आजाद ने कहा की स्त्री और पुरुष में समानता के लिए हमे स्त्रियों की नैसर्गिक क्षमता को मान्यता देनी होगी। आज समाज में महिलाओं की केवल सन्तानोतप्ति को ही मान्यता दी जा रही है जबकि जीवन के विविध क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों को दोहरेपन के साथ उनके व्यक्तित्व को सन्देह की दृष्टि से देखा जाता है जो कतई उपयूक्त नहीं है।
लोग पढी लिखी बहू चाहते हैं, कामकाजी महिला
चाहते हैं पर काम से जुड़ी उसकी स्वतन्त्र भूमिका पर सन्देह करते हैं। जो कतई उचित
नहीं है। श्री आजाद ने कहा आज की महिलाएं पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे
बढ़ रही है। चाहे अंतरिक्ष में जाने का प्रश्न हो या चाहे हवाईजहाज उड़ाने की बात
हो।
महिलाएं अग्रिम पंक्ति में है। हमारे
लिए गौरव की बात है कि बीकानेर की बेटी तनुश्री सीमा
सुरक्षा बल में पहली महिला कमांडेंट है जो देश की सीमाओं
की सुरक्षा के लिए मुस्तैदी से अपनी सेवाएं दे रही है।
महिला स्वयं सहायता समूह की चर्चा करते
हुए आजाद ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिलाओं को स्वावलम्बी एवं जागरूक
बनाने के लिए प्राथमिक स्तर से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक की शिक्षा निशुल्क देने
का प्रावधान किया है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में सुधा आचार्य ने जन जीवन कल्याण
सेवा समिति के उद्धेश्यों की जानकारी दी जबकि पर्वतारोही डॉ.सुषमा बिस्सा ने उनके
द्वारा वंचित गरीब कमजोर और पिच्छड़े बच्चों के लिए संचालित सरस्वती विद्यालय की
जानकारी देते हुए बताया कि मैं महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित हूँ जिससे
मुझे अपने सेवा कार्यों के प्रति सन्तुष्टि है।
संस्था के अध्यक्ष एन डी रंगा ने कहा
की महात्मा गांधी कहा करते थे कि आप सेवा का कार्य करते हैं तो वहां के लोग आपके
सामाजिक सुरक्षा की गारंटी लेते हैं। गांधीजी ने अध्यात्म, अध्ययन और
अनुशासन को व्यक्तित्व निर्माण का सबसे बड़ा अंग बताया था। हमारी संस्था इसी वाक्य
को अपना आदर्श वाक्य मानती है और नर सेवा नारायण सेवा का कार्य कर रही है।
कार्यक्रम के संयोजक साहित्यकार राजेन्द्र
जोशी ने कहा यह संस्था 4 दशक से सेवा कार्य कर रही है। आज आजाद परिवार
द्वारा उपलब्ध करवाई गई दो सिलाई मशीने इसी श्रृंखला में एक कड़ी है। इस अवसर
पर राजस्थानी साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार, वरिष्ठ पत्रकार श्याम शर्मा, समाजवादी नेता
नारायणदास रंगा, चन्द्रशेखर जोशी, भगवानदास पड़िहार, नागेशवर जोशी, एडवोकेट घनश्याम
व्यास, श्रीमती उमा पुरोहित, श्रीमती प्रीति आचार्य, बृजगोपाल जोशी, विजय स्वामी, जन्मेजय व्यास, गणेश पुरोहित, माधव आचार्य, हर्षित व्यास, गिरिराज आजाद, देवकिशन हर्ष, मुरलीमनोहर
पुरोहित, सुभाष जोशी, अनिल जोशी सहित अनेक गणमान्य नागरिक एवं
रचनात्मक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
अंत में शहर जिला कोंग्रेस बीकानेर के
वरिष्ठ उपाध्यक्ष हीरालाल हर्ष ने सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष दुलीचन्द व्यास
के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके द्वारा लगाया गया संस्था रुपी
यह पौधा आज वट वृक्ष का रूप ले चुका है और जन सेवा के क्षेत्र में नित नऐ
कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि ललित आजाद के
स्मरणोत्सव सप्ताह के तहत उनके परिवार द्वारा संस्था को प्रदान की गई सिलाई मशीनें
तो सेवा का एक प्रतीक मात्र है। समाज के हर क्षेत्र से इसी प्रकार से सहयोग मिलना
चाहिए ताकि नर सेवा नारायण सेवा का लक्ष्य सार्थक हो सके।