सीने में जलन आंखों में तुफान सा क्यूं है…,सीने में जलन तो होनी
ही थी, जांगळ देश के लॉयन ने
जब से खाकीधारियों का सीने का माप, पेट का घेराव का माप तथा वजन का हिसाब-किताब मांगा है तब से कई खाकीधारियों के
सीने में जलन तथा आंखों में तुफान सा आ गया है। खाकीधारी इंचीटेप व तराजू के आसपास
चक्कर लगाने के साथ ही बाग-बगीचों में दौड़ लगाकर अपनी चेस्ट को पेट के घेरे से चार
इंच अधिक करने को मजबूर हो गए हैं।
लॉयन के इस आदेश के बारे
में पूछने पर अंग्रेजी में गुस्साये शहर के एक थानाधिकारीजी जी बोले, दिस इज अवर पर्सनल मेटर, मैडम डू यू नो इट इज माई पर्सनल लाइफ एंड आय
एम नाट बाउंड टू टेल एनी स्टोरी … और फोन काट दिया? वहीं सुना है यातायात महकमे के एक साहब पेट
का घेरा कम करने के जतन में जुट गए हैं। जिम
ज्वाइन की है,
बिना चीनी की चाय पीने लगे हैं, मीठे से भी उन्होंने तौबा कर ली है। इधर, खाकी का ‘धरम’ निभाने वाले एक सीआई साहब ने तो लॉयन का आदेश मिलते ही अपने थाने के स्टाफ को पन्द्रह दिन में फिट होने का अल्टीमेटम दे दिया है। सीआई साहब खुद भी वर्षों से जिम जाने का ‘धरम’ निभाते आये हैं। देखते हैं लॉयन का आदेश क्या गुल खिलाता है।
पदोन्नत पर गूंजा बधाई हो बधाई
साल के सबसे बड़े त्योहार
के दिनों में अच्छी खबरें आयें तो सोने में सुहागा ही कहा जाएगा। जांगळ देश के कई जिलो
में थानेदारी कर चुके अमरजीत चावला सीआई से डीवाईएसपी हो गए। जांगळ देश के कई एसआई
भी अब पदोन्नत होकर सीआई बन गए।
इनमें जांगळ प्रदेश के उपनिरीक्षक रहे सुशीलकुमार, महावीर प्रसाद, फूलचंद, दिलीप कुमार खत्री, अवधेश संधु, रामचन्द्र कस्वां, सुन्दरमल, मनोज कुमार, मदनलाल, सु•ााषचन्द्र, महेश कुमार, विकास बिश्नोई, रमेश कुमार, दिनेश सारण, आरएस शेखावत, वेदपाल शिवरान, राजकुमार तथा बलवंतराम अब पुलिस निरीक्षक बन
गए। भाईयों के लिये बधाई तो बनती है।
मुबारक हो सबको समां ये सुहाना..
दिवाली के मौसम में प्रमोशन
का गिफ्ट पाकर कई खुश हुए तो कईयों की दिवाली
की खुशी प्रमोशन नहीं मिलने के चलते दुगनी नहीं हो सकी। साथी बैच के खाकीधारियों का
प्रमोशन होने पर खुश दिखाई दिये कईयों को अपना नंबर नहीं आने का भी गम रहा। ऐसे ही खाकीधारियों ने अपना समय यह
चर्चा कर बिताया कि मेरिट की सूची में वे कितने नंबर पर हैं और कितने नंबर तक के अधिकारियों
को प्रमोट कर दिया गया। सरकार सूची के कुछ और लोगों का प्रमोशन कर देती तो जांगळ प्रदेश
के और भी खाकीधारी जश्न मना सकते थे।
खैर।
ऐसे कैसे निबटेंगे क्राइम से
सीसीटीवी कैमरे लगाये, खराब हो गए। कहीं चालू नहीं किए गए। अभय कमांड सेन्टर को कोई कमांड करने वाला नहीं
दिख रहा। भले ही सूबे के बड़े खाकीधारी
साहब साइबर क्राइम को रोकने के लिये विशेष सेल बनाने की बात कर रहे हों मगर सामान्य
क्राइम रोकने में भी जांगळ देश की खाकी गश खा रही है।
बाइक चोर, लुटेरे, बलात्कारी, चैन स्रैचर, गुंडागर्दी जैसे अपराध इन दिनों जांगळ देश की मीडिया में सुर्खिया बन रहे हैं। ऐसे में साइबर अपराध का जोर और बढ़ गया है। ये क्या हाल बना रखा है जी, कुछ लेते वेते क्यों नहीं।