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नहीं चाहिये आंका-बांका, हमें चाहिये महावीर रांका

We don't need Anka-Banka, we need Mahavir Ranka

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)नहीं चाहिये आंका-बांका, हमें चाहिये महावीर रांका, भाजपा के नेता महावीर रांका के समर्थन में लगाया जा रहा यह नारा, नहीं चाहिये आंका-बांका हमें चाहिये महावीर रांका इन दिनों काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसका कारण भी है। महावीर रांका ने कभी आड़ी-तिरछी नहीं बल्‍कि सीधी राजनीति ही की है।

वह है सेवा की रातनीति। कोरोना काल में महावीर रांका ने कितने ही असहाय व जरूरतमंद लोगों को भोजन-पानी, आक्सिजन के सिलेंडर उपलब्‍ध कराये उनकी गिनती संभव नहीं है। अधिकांश लोग तो इस कारण भी कोरोना से नहीं घबराये कि महावीर रांका है ना, कोई आवश्‍यकता होगी तो उनसे मदद ले लेंगे।

रांका के साथ न्‍याय नहीं किया  पार्टी ने

भारतीय जनता पार्टी ने अपने इस जमीन से जुड़े व लोगों का आशीर्वाद पाए एक कर्मठ कार्यकर्ता को विधानसभा में भेजने का मौका नहीं देकर उनके साथ न्‍याय नहीं किया है। रांका ने अपने यूआईटी अध्‍यक्ष के कार्यकाल में भी सेवा और समर्पण की मिसाल पेश की। अध्‍यक्ष होने के बावजूद कभी यूआईटी के पैसे की चाय नहीं पी।

घाटे में रही यूआईटी को मुनाफे तक लाए। ऐसे में बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी को फिर से चौथी बार प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद से महावीर रांका में अपना अगला एमएलए व मंत्री देखने वालों का विरोध में उतरना जायज ही कहा जाएगा।

आशीर्वाद देने वालों की कमी नहीं

नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ से जुड़े महावीर रांका यदि स्‍वतंत्र रूप से भी चुनाव मैदान में उतरते हैं तो उन्‍हें आशीर्वाद देने वालों की कमी नहीं होगी। लोग अन्‍य उम्‍मीदवारों के साथ राजनीति करते रहे होंगे मगर महावीर रांका के साथ कोई राजनीति नहीं करने वाला, उसका कारण है कि महावीर रांका ने असहाय और पीडि़त की सेवा करने में कभी कोई राजनीति नहीं की।

पूर्व में कांग्रेस के नाटक दूरी जरूरी

इस समय यदि रांका निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं तो उनके इस निर्णय को लोग पूरे मन से स्‍वीकार करेंगे। कहने को कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी उन्‍हें बीकानेर पूर्व का टिकट दे सकती है मगर बीकानेर पूर्व को लेकर गत विधानसभा चुनाव में जो नाटक कांग्रेस में हुआ उससे ऐसा लगता नहीं कि कांग्रेस में महावीर रांका को लेकर कोई आम सहमति बन जाए। हालांकि रांका खुद कांग्रेस में जाने से इंकार कर चुके हैं।

मौका दें ठंडे दिमाग से सोचने व समझने का 

यह भी सही है कि कांग्रेस ने पूर्व क्षेत्र में अब तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। कांग्रेस के प्रत्‍याशी की घोषणा हो जाने के बाद की राजनीति अलग होगी। समीकरण अलग होंगे। ऐसे में रांका को थोड़ा रुककर, सोच समझकर कदम उठाना होगा। उनके समर्थकों को चाहिये की वे रांका को ठंडे दिमाग से सोचने व समझने का मौका दें।

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