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गजनेर व बज्जू में प्रत्येक खेत तक पहुंच रहा है पानी

खेतों में बन रहे जल संग्रहण स्ट्रक्चर से ग्रामीणों को मिल रहा लाभ
‘वंदे गंगा, जल संरक्षण जन अभियान’ के तहत मीडिया फील्ड विजिट’ आयोजित
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। राज्य सरकार द्वारा 270 करोड़ रुपए की लागत से पन्नालाल बारूपाल लिफ्ट नहर परियोजना के 62 हजार हेक्टेयर कमांड क्षेत्र में फव्वारा पद्धति सिंचाई सुविधा विकसित की है।

‘वंदे गंगा, जल संरक्षण जन अभियान’ के तहत शुक्रवार को गजनेर व बज्जूज इलाके में ‘मीडिया फील्ड विजिट’ के दौरान बीकानेर के पत्रकार नीरज जोशी ने इस क्षेत्र का अवलोकन किया। इंदिरा गांधी नहर परियोजना की शोभासर माइनर के चक 13 एसएसएम की विजिट के दौरान परियोजना के अधिशासी अभियंता विनोद पूनिया ने समाचार सेवा को बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत बज्जू क्षेत्र में 304 डिग्गियों का निर्माण करवाया गया है। इन डिग्गियों से मोटर पंप्स द्वारा पानी भूमिगत एचडीपीई पाइपलाइन के माध्यम से प्रत्येक मुरबे तक पहुंचाया जाएगा। इससे जल संरक्षण एवं जल उपयोगिता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण परिणाम आएंगे। इससे जल की उपयोगिता बढ़ेगी एवं बचत होगी। कम पानी में ज्यादा खेती का लाभ किसानों को मिलेगा। पूनिया ने बताया कि जिले की डॉ. करणी सिंह लिफ्ट कैनाल के एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फव्वारा पद्धति सिंचाई सुविधा विकसित करने का कार्य प्रगति पर है। इसमें लगभग 50 प्रतिशत क्षेत्र विकसित किया जा चुका है। शेष 44 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र के कार्य प्रारंभ हो गए हैं। अगले दो वर्षों में यह कार्य कर दिए जाएंगे। इससे बज्जू एवं कोलायत क्षेत्र के लगभग बीस हजार किसान परिवार लाभान्वित होंगे। पूनिया ने बताया कि वीर तेजा लिफ्ट नहर का भी लगभग 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा फव्वारा पद्धति से विकसित करने का कार्य प्रगति पर है। जिले के सीमांत क्षेत्रों में राज्य सरकार द्वारा करवाए गए जल संरक्षण कार्यों का अवलोकन के दौरान लाभार्थियों से भी बात की गई। इन लाभार्थियों ने राज्य सरकार के प्रयासों से मिली राहत से प्रसन्नथता जताई। इस दौरान उपनिदेशक (जनसंपर्क) डॉ. हरि शंकर आचार्य, जनसम्पर्क अधिकारी सुरेश बिश्नोई और जिला परिषद के आईईसी कॉर्डिनेटर गोपाल जोशी साथ रहे।
फॉर्म पौंड से रामूराम को मिली राहत
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत बज्जू के रामूराम के खेत में 2.5 लाख लीटर वर्षा जल संग्रहण का फार्म पौंड बनाया गया है। पंचायत समिति बज्जू के अधिशासी अभियंता (जलग्रहण) दिनेश कुमार पाण्डेि ने बताया कि परियोजना के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लाभार्थियों को लागत का 5 प्रतिशत एवं सामान्य जाति से 10 प्रतिशत अंशदान, जलग्रहण विकास कोष हिस्सा राशि जमा करवाकर कार्य प्रारंभ करवाए जाते हैं। इसके तहत लाभार्थी रामूराम द्वारा 30 हजार जमा करवाने के बाद वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3 लाख रुपए का पौंड का निर्माण रामूराम के खेत में करवाया गया है। उत्पादकता बढ़ाने एवं एक से अधिक फसल का लाभ लेने के मामले में यह पहल लाभदायक साबित होगी। रामूराम ने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार जताया और कहा कि अब वह पर्याप्त बरसाती जल संग्रहण कर सकेगा।
मेलार्थियों के लिए लाभदायक साबित होगा सार्वजनिक जल कुंड
पांडे ने बताया कि एमजेएसए 2.0 में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन मद के तहत बज्जू तेजपुरा ग्राम पंचायत के पास सार्वजनिक जलकुंड निर्माण का निर्माण करवाया गया है। यह जलकुंड 50 हजार लीटर वर्षा जल का संग्रहण कर सकता है। इसका निर्माण बज्जू तेजपुरा ग्राम पंचायत एवं वीर तेजाजी मंदिर के पास करवाया गया है। यहां नियमित रूप से सार्वजनिक कार्यक्रम होते हैं। वहीं बज्जू खालसा–कोलायत मुख्य मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों के लिए भी यह लाभदायक है। इसके निर्माण पर ढाई लाख रुपए व्यय किए गए हैं। प्रवेश बिंदु गतिविधि के कार्य तहत यहीं 500 लीटर क्षमता की शीतल जल प्याऊ बनवाई गई है। जहां 24 घंटे शीतल पेयजल उपलब्ध रहता है। इस प्याऊ का निर्माण डब्ल्यूडीसी-1.0 परियोजना के तहत प्रवेश बिंदु मद से करवाया गया है। इसकी लागत रुपये 1.04 लाख रुपए है।
ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे ऐतिहासिक कार्य
पंचायत समिति बज्जू के अधिशासी अभियंता (जलग्रहण) दिनेश कुमार पांडे ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत बज्जू खालसा पंचायत समिति में प्रवेश बिंदु कार्यक्रम मद में प्याऊ निर्माण, पार्क एवं ओपन जिम की स्थापना, बाल वाटिका निर्माण, स्कूलों में टांका एवं प्रार्थना स्थल मय ओपन जिम आदि के 10 कार्य करवाए गए हैं। प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन मद में वित्तीय वर्ष 2024-25 तक 104 फार्म पौंड एवं 121 जलकुण्ड बनवाए गए हैं। जिनका प्रत्यक्ष लाभ ग्रामीणों को मिले रहा है। उत्पादन मद गतिविधियों में चारागाह विकास एवं वानिकी पौधारोपण कार्य 5 हेक्टेयर में, फसल प्रदर्शन अंतर्गत उन्नत किस्मों के बीज यथा मूंग, मोठ, चना, सरसों, गेहूं इत्यादि 318 लाभार्थियों को वितरित किये गए हैं। इसके अलावा 54 कैटल शेड बनवाए गए हैं। आजीविका गतिविधियां मद के तहत कौशल विकास प्रशिक्षण, स्वयं सहायता समूह को आत्मनिर्भर करने के लिए राजीविक को 75 लाख रुपये परियोजना मद से दिए गए हैं।

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