स्वतंत्रता सेनानी केसरी सिंह बारहठ के बलिदान को याद किया
NEERAJJOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रांतिकारी केसरी सिंह बारहठ की 152वीं जयंती पर शुक्रवार को दम्माणी धर्मशाला स्थित जे. एस. बी. चेरिटेबल लैब परिसर में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी में वक्ताओं ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी केसरी सिंह बारहठ के 25 वर्षीय पुत्र कुंवर प्रताप सिंह बारहठ युवा अवस्था में ही देश के लिये शहीद हो गए थे। उनके अनुज जोरावर सिंह बारहठ और दामाद ईश्वर दान आशिया भी स्वतंत्रता सेनानी थे।
मुख्य अतिथि डॉ. नरसिंह बिनानी ने कहा कि केसरी सिंह बारहठ देश की स्वाधीनता के लिए प्राण न्यौछावर करने वालों के अग्रदूत थे। कार्यक्रम अध्यक्ष कवि जुगल किशोर पुरोहित ने कहा कि केसरी सिंह बारहठ का जीवन हमारे लिए अनुकरणीय है।
मुख्य वक्ता डॉ. जगदीश बारठ ने अपनी कविता वह शक्ति हमें दो दया निधे, जग जीवन सफल बना जावे के माध्यम से केसरी सिंह बारहठ को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। विशिष्ट अतिथि गोविंद सिंह चारण ने कहा कि केसरी सिंह बारहठ के पूरे परिवार का स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान रहा था। संदीप बारठ ने आभार जताया।
संयोजन मदन सिंह ने किया। गोष्ठी में हर्षित श्रीमाली, शोयब, अशोक कुमार, असलम, अनिल प्रजापत, रामेश्वर शर्मा, महाराज आदि मौजूद रहे।
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