संभागीय आयुक्त ने कैदियों से पूछा कैसे हो, कैदी बोले सब चंगा सी
USHA JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। संभागीय आयुक्त ने कैदियों से पूछा कैसे हो, कैदी बोले सब चंगा सी, संभागीय आयुक्त श्रीमती उर्मिला राजोरिया ने गुरुवार दोहपर बाद केन्द्रीय जेल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जेल के पुस्तकालय, रसोई, जेल उद्योग कक्ष आदि का गहनता से निरीक्षण किया।
संभागीय आयुक्त ने कैदियों से मुलाकात करते हुए उनसे जेल की व्यवस्थाओं खाना चिकित्सा आदि के बारे में पूछा, लगभग सभी कैदियों ने जेल की व्यवस्थाओं से संतुष्टि जताई। संभागीय आयुक्त ने जेल में सफाई व्यवस्था पर प्रसन्नता जताते हुए इसे और अधिक बेहतर करने को कहा।
जेल निरीक्षण के दौरान जेल अधीक्षक आर.अनंतेश्वरन जेलर, डी.सी. के निजी सहायक (पी.ए.) मोहित जोशी तथा वरिष्ठ सहायक मोहम्मद इस्माइल आदि साथ रहे। निरीक्षण के दौरान जेल अधीक्षक आर.अनंतेश्वरन ने संभागीय आयुक्त से आग्रह किया कि जेल में एक मनोचिकित्सक की नियुक्ति होनी जरूरी है।
जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल के चिकित्सालय में एनजीओ व संस्थाओं के माध्यम से बंदियों के स्वास्थ्य जांच शिविर हर महीने लगाए जाते हैं। गंभीर बीमारी से ग्रसित बंदियों को पीबीएम अस्पताल से उपचार कराया जाता है।
बीकानेर जेल में कई कैदी हैं ड्रग एब्यूजर
जानकारी के अनुसार बीकानेर जेल में ड्रग एब्यूज सबसे अधिक हैं। गंगानगर व हनुमानगढ़ से कैदी आते हैं उनमें 99.9 प्रतिशत कैदी ड्रग एब्यूज होते हैं। बीकानेर के 70 प्रतिशत तक कैदी ड्रग एडिक्शन से ग्रसित आ रहे हैं। जेल में ऐसे कैदियों को मादक पदार्थ मिलता नहीं है। इस कारण बंदी बीमार व परेशान रहता है। ऐसे में जेल में एक मनोचिकित्सक की नियुक्ति की बात उठी है।
बीकानेर जेल में हैं लगभग डेढ़ हजार कैदी
केन्द्रीय कारागार बीकानेर में लगभग 1500 कैदी हैं। बीकानेर जेल का 1600 बीघा का कैम्पस है। बीकानेर की सेन्ट्रल जेल रियासत काल की जेल है। यहां गलीचे बनाए जाते थे। जेल की केन्टीन में 50 तरह की सामग्री मिलती है। सारा सामान सहकारी उपभोक्ता भण्डार के माध्मय से केंटीन में उपलब्ध कराया जाता है।
नाबार्ड के माध्यम से होते हैं स्किल डवलपमेंट के काम
जेल में स्किल डवलपमेंट के काम नाबार्ड के माध्यम से किए जाते हैं। कोरोना काल में राज्य की सभी जेलों में मास्क बनाए गए। जेल में स्क्रीन प्रिंटिंग का काम भी किया गया। महिला बंदियों के लिये एम्ब्रोयडरी के कोर्स शुरू किए गए। गलीचों की ट्रेनिंग भी करवाई जाएगी। जुलाई 2023 से शुरू करेंगे।
खुला शिविर में जीविकोपार्जन करता है कैदी
बीकानेर में खुली जेल में तीन ओपन शिविर हैं। इनमें दो बीछवाल में तथा बेलासर में हैं। बीछवाल खुली जेल में 100 से अधिक कैदी रह सकते हैं। बेलासर में 20 कैदियों की क्षमता है। केन्द्रीय जेल में जो कैदी अपनी सजा का एक तिहाई समय काट चुका है। उसे ओपन कैम्प में ट्रांसफर किया जाता है।
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