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देश में निरंतर बढ़ रही है दुग्ध-मांस से बने उत्पादों की मांग – प्रो. हेमन्त दाधीच

The demand for dairy and meat products is constantly increasing in the country – Prof. Hemant Dadhich

पशु उत्पादों में मूल्य संवर्धन, पोषण सुरक्षा और पशुधन अर्थव्यवस्था पर प्रशिक्षण

NEERAJJOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा) वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. हेमन्त दाधीच ने कहा कि देश में दुग्ध-मांस से बने उत्पादों की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ी है। इन उत्पादों के विपणन से देश की अर्थव्यवस्था को भी संबल मिला है।

प्रो. दाधीच सोमवार को विवि परिसर में वेटरनरी विवि बीकानेर एवं राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान (मैनेज) हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में पशु उत्पादों में मूल्य संवर्धन : पोषण सुरक्षा और पशुधन अर्थव्यवस्था की ओर एक रास्ता विषय पर सोमवार से ऑनलाइन मोड पर शुरू हुए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि  हमें पशुउत्पादों के उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ भारतीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मानक स्तरों को ध्यान में रखते हुए गुणवत्ता निर्धारण पर भी ध्यान देना होगा। ताकि ये उत्पाद स्वास्थ्य की दृष्टि से एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विपणन की दृष्टि से सही साबित हो सके।

रोजगार का सर्जन कर सकते हैं पशुपालक

पशु उत्पादों के मूल्य संवर्धन की विभिन्न तकनीकों एवं नवीन ज्ञान को समझ कर पशुपालक एवं इण्डिस्ट्री से जुडे़ लोग रोजगार का सर्जन कर सकते है। उन्‍होंने बताया कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान देश के ख्याति प्राप्त आई.सी.ए.आर. इंस्टीट्यूट एवं विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञ पशु उत्पादों के मूल्य संवर्धन के विभिन्न पहलुओं पर पशुचिकित्सकों, प्रसार कार्यकर्ताओं, वैज्ञानिकों एवं विद्यार्थियों को व्याख्यान प्रदान करेंगे।

जिनमें पशु अपशिष्ट प्रबंधन और मूल्य संवर्धन, भेड़ और खरगोश उत्पादन मांस प्रसंस्करण, खाद्य सुरक्षा, मार्केटिंग आदि विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किये जायेंगे। राष्ट्रीय संस्थान मैनेज हैदराबाद के उप-निदेशक डॉ. साहजी फंड ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान पशुधन उत्पादन प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवीन शोधो, उन्नत तकनीकों को जानने का मौका मिलेगा। कार्यक्रम का समन्वय मैनेज हैदराबाद की सुश्री रेखादास एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. देवीसिंह ने किया। उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्ट, शिक्षक एवं विद्यार्थी भी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।

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