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हुनर और हौसले का दम- बीकानेर से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक क्राफ्टी बेली का रोमांचक सफ़र

विश्व महिला दिवस विशेष

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NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा) हुनर और हौसले का दम- बीकानेर से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक क्राफ्टी बेली का रोमांचक सफ़र, हुनर तो कई लोगो में होता है लेकिन इसके साथ हौंसला हो तो मुक़ाम तक पहुँचना मुश्किल नहीं होता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बीकानेर की निलोफ़र ख़ान ने। जीवन के शुरुआती दिनों से ही इनमें कुछ बड़ा कर दिखाने का जज़्बा था। इसी जज्बे के साथ इन्होंने कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही जॉब करना शुरू कर दिया।

फिर अपने पति मोहसिन ख़ान माँगलिया के साथ मिल कर क्राफ़्टी बेली नाम से संस्थान की शुरुआत की, जिसने उन्होंने हजारो महिलाओं को जोड़ा। कशीदे से शुरुआत करने वाली निलोफ़र ख़ान और उनकी टीम के द्वारा बनाये हुए वस्त्रों को देश-विदेश में बहुत पसंद किया जा रहा है।

यहाँ से हुई सफलता की शुरुआत- अपने काम में नवाचार लाने की लिए क्राफ्टी बेली की शुरुआत की। फिर महिला दस्तकारों को कच्चा माल प्रदान कर कशीदाकारी उत्पात तैयार करवाये एवं उत्पादों की बिक्री के लिए सीधे देश की विभिन्न मेट्रो शहरों में आयोजित होने वाली प्रदशनियो में बेचना शुरू किया, जहाँ क़ीमत भी मिली और सफलता भी। हाल ही में जयपुर में आयोजित राजस्थान फ़ैशन अवॉर्ड्स 2022 में क्राफ्टी बेली को बेस्ट डिज़ायनर अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया है।

दो हज़ार से अधिक महिलायें हो रही है लाभान्वित-

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क्राफ्टी बेली बीकानेर और बाड़मेर में दो हज़ार से ज़्यादा महिला दस्तकारों को लाभान्वित कर रही है। वर्तमान में प्रदशनियो  व सरकार की विभिन्न गतिविधियों से ख़ुद का व्यापार कर रही है एवम् राजस्थान की कला व संस्कृति को देश विदेश में पहचान दिला रही है। क्राफ्टी बेली महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना ही इसका उद्देश्य है।

पति व परिवार का मिला सहयोग

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निलोफ़र ख़ान ने अपने पति से राज्य की महिलाओं के उत्थान के लिये कुछ करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की इच्छा प्रकट की। अपनी पत्नी के इसी जज्बे को देखते हुए मोहसिन ख़ान ने क्राफ्टी बेली की शुरुआत की। आज 2 हज़ार महिलाओं को रोज़गार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने ने सफलता हासिल की है। अभी क्राफ्टी बेली से 2 हज़ार महिलायें जुड़ी हुई है। आने वाले समय में 1 लाख महिलायें जुड़े और आत्मनिर्भर बने। यह प्रयास रहेगा।

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