ग़ज़ल संध्या में रीवा मध्यप्रदेश की गायिका मुकुल सोनी ने बांधा समां
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। रीवा मध्यप्रदेश की गायिका मुकुल सोनी ने रविवार को बीकानेर के उप नगर गंगाशहर के टीएम ऑडिटोरियम में आयोजित ग़ज़ल संध्या में गीत-संगीत का समा बांध दिया।
विरासत संवर्द्धन संस्थान द्वारा आयोजित इस समारोह में मुकुल सोनी ने ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे.., मेरे हम नफ़स मेरे हम नवा.., झुकी झुकी सी नज़र.., रंजिश ही सही, दिले नादान तुझे हुआ क्या है., आज जाने की ज़िद्द ना करो आदि ग़ज़लें प्रस्तुत की। श्रोताओं की फरमाइश पर मुकुल ने ग़ज़लें एवं सुपनो-सूती थी रंग महल में आदि राजस्थानी गीत भी प्रस्तुत किए।
संगीत गुरू पंडित पुखराज शर्मा के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम में हारमोनियम पर पंडित पुखराज शर्मा, तबले पर गुलाम हुसैन, सारंगी पर दायम अली, की-बोर्ड पर हसमत अली व ऑक्टोपैड पर मोहसीन खान ने संगत की। कार्यक्रम में विरासत संवर्धन संस्थान से प्रशिक्षित मनोहरी, सुनीता, लक्ष्मी व भगवती गोस्वामी बहनों ने मांड व सारंग पर आधारित राजस्थानी गीत प्रस्तुत किये।
संस्थान से ही प्रशिक्षित लता मलघट ने मदनमोहन की संगीत रचनाओं व लता मंगेशकर द्वारा गाई गई रचनाओं वो चुप रहे तो.. एवं रस्में उल्फत को निभायें तो निभायें कैसे… प्रस्तुत। मंच संचालन हेमंत डागा ने किया।
कार्यक्रम में टी.एम. आडिटोरियम एवं विरासत संस्थान के संस्थापक टोडरमल लालानी, सुर संगम संस्थान अध्यक्ष के सी मालू, ओसवाल पंचायती के चंपालाल डागा, गंगाशहर नागरिक परिषद कोलकाता अध्यक्ष मदन मरोटी, कामेश्वर प्रसाद सहल, भैरव प्रसाद कत्थक, हंसराज डागा, जतनलाल दूगड़, संपत्त लाल दूगड़ आदि मौजूद रहे।
कार्यक्रम में एडवोकेट किशनलाल बोथरा, डॉ जेठमल मरोटी, डॉ अज़ीज़ अहमद, अमित असित गोस्वामी, राजकुमार दूगड़, जतनलाल सेठिया, दीपचंद सांखला, सुमति बांठिया, भैरूदान सेठिया, शांतिलाल कोचर आदि भी शामिल हुए।
Share this content: