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शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्तियों का खेल निराला, वर्षों से जमे बैठे हैं चहेते

Dainik Navjyoti Bikaner 9 august 2018

नीरज जोशी।

बीकानेर, 8 अगस्त। शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्तियों का खेल निराला, वर्षों से जमे बैठे हैं चहेते। शिक्षा विभाग में सर्व शिक्षा अभियान एवं राष्‍ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में नियुक्ति प्रतिनियुक्ति का खेल भी निराला है।

इन दफ्तरों में राज्य सरकार के वित्त विभाग के नियमों कि घनघोर अन देखी हो रही है। पिछले 10 साल से  कई अधिकारी-कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर बैठे हैं। इनको हटाने वाला कोई नहीं है।

जिला कोष कार्यालय द्वारा नियम विपरीत प्रतिनियुक्ति पर बैठे इन कार्मिकों का वेतन भी पिछले तीन चार महीने से नहीं बनाया जा रहा है।

फिर भी विभाग इन अभियंताओं को कार्यमुक्त कर मूल विभाग में नहीं भेज रहा है।

जानकार लोग बताते हैं कि रमसा के तहत विद्यालयों में निराम कार्यों के पेटे करोड़ों के काम आये हुए हैं जिनको छोड़कर ये अभियंता कहीं नहीं जाना चाहते और ऊपर से नीचे तक मशीनरी को मेनेज कर रखा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सर्व शिक्षा एवं राष्‍ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में सहायक अभियंता सुन्दरलाल गोदारा पिछले 10 साल से प्रतिनियुक्त हैं, वहीं कनिष्ठ अभियंता पद पर अशोक कुमार मान 6 वर्ष से अधिक समय से प्रतिनियुक्त हैं।

यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि अशोक कुमार मान मूल रूप से प्रयोगशाला सहायक है जबकि बतौर कनिष्ठ अभियंता कार्यरत है।

राष्‍ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक एवं जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ने 4 अप्रेल 18 को रमसा के निदेशक को पत्र लिख कर यह बता दिया था,

कि राजस्थान सेवा नियम 1951 के नियम 144 तथा वित्त विभाग राजस्थान सरकार के आदेश क्रमांक प.1 (2)वित्त/नियम/2005 दिनांक 26 दिसंबर 2017 के अनुसार किसी भी  कार्मिक के प्रतिनियुक्ति अवधि 5 वर्ष  और विशेष परिस्थिति में 10 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

जिला समन्वयक दया शंकर अरडावतिया ने अपने पत्र में लिखा है कि सहायक अभियंता सुन्दर लाल गोदारा को रमसा में 6 वर्ष से अधिक हो चुके हैं तथा गोदारा वर्ष 2004 से 2009 तक सर्व शिक्षा अभियान में भी प्रतिनियुक्त रहे हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी ने लिखा है कि कनिष्ठ अभियंता अशोक कुमार चौधरी कि प्रतिनियुक्ति कि अवधि 6 वर्ष से अधिक हो चुकी है।

उन्होंने लिख है कि प्रतिनियुक्ति अवधि अधिक होने के बावजूद इनके वेतन भत्ते उठाये जा रहे हैं जो नियमानुसार गलत है।

राष्‍ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में दोनों अभियंताओं कि प्रतिनियुक्ति अवधि नियमों से अधिक हो जाने के कारण जिला कोषागार ने वेतन आहरण पर भी सवालिया निशान लगा दिया है।

अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक ने भी निदेशक को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि नियम 144 के अनुसार कोषागार द्वारा वेतन नहीं बनाया जा रहा है इसलिए प्रतिनियुक्ति निरस्त कर नियमानुसार कार्यवाही की जावे।

वास्तव जिला शिक्षा अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक भी इसके लिए बराबर के दोषी हैं जो प्रतिनियुक्ति अवधी समाप्त होने के बावजूद इन अभियंताओं को बैठाये हुए हैं।

प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के बावजूद वेतन एवं प्रतिनियुक्ति भत्ता देने के आरोप में जिलाशिक्षा अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक भी संदेह के घेरे में आते हैं।

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