संथारे में साध्वी पानकुमारी जी अरिहन्त शरणम

Sadhvi Pankumari Ji Arihant Sharanam in Santhara

बीकानेर, (samacharseva.in)। संथारे में साध्वी पानकुमारी जी अरिहन्त शरणम, तेरापंथ धर्म संघ की दीक्षा क्रम में सबसे वरिष्ठ साध्वी शासनश्री पानकुमारी जी प्रथम की देह पंचतत्व में विलीन हो गई। साध्वीश्री का देहावसान सोमवार सायं 15 मिनट के चौविहार संथारे के बाद 6.45 बजे रामपुरिया मौहल्ला स्थित तुलसी साधना केन्द्र में हो गया था।

मंगलवार को उनकी तुलसी साधना केन्द्र (दूगड़ भवन) से प्रयाण यात्रा सुबह 8.30 बजे प्रारम्भ हुई। अन्तिम संस्कार गोगागेट स्थित ओसवाल समाज के शमशान गृह पर हुआ। आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड़, ट्रस्टी गणेश बोथरा, अमरचन्द सोनी, तेरापंथी सभा बीकानेर के अध्यक्ष पदमचंद बोथरा, मंत्री सुरेश बैद, अणुव्रत महासमिति के प्रकाश भंसाली एवं अनेक परिवारजन तथा कुछ कार्यकर्ता शामिल हुए।

अन्तिम संस्कार सम्पन्न करने के बाद सभी लोग दूगड़ भवन जाकर साध्वी डॉ. परमयशाजी, साध्वी विनम्रयशाजी एवं साध्वीश्री मुक्ताप्रभाजी के दर्शन कर मंगलपाठ सुना। साध्वी पानकुमारी जी ने विवाहोपरान्त 17 वर्ष की उम्र में आचार्य तुलसी के कर कमलों से तेरापंथ में दीक्षित हुई थी। आपका जन्म वि.सं.1980 में श्रीडूंगरगढ़ में हुआ। अभी पिछले 6 वर्षों से दूगड़ भवन में स्थिर प्रवास कर रही थी।