‘धरती धोरां री’ के गीतकार कन्हैयालाल सेठिया को याद किया
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। ‘धरती धोरां री’ के गीतकार कन्हैयालाल सेठिया को याद किया , ‘पाथळ और पीथळ’ तथा ‘धरती धोरां री’ गीतों के रचियता कन्हैयालाल सेठिया की 105वीं जयंती पर बुधवार को सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार थे। अध्यक्षता इंस्टीट्यूट के सचिव कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की। कार्यक्रम में विष्णु शर्मा, शिक्षाविद सुभाष चंद्र, दिनेश चूरा आदि ने भी विचार रखे। मांगीलाल भद्रवाल ने आभार जताया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि पद्मश्री और ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी साहित्य पुरस्कार से पुरस्कृत साहित्यकार कन्हैयालाल सेठिया ने दुनिया में राजस्थानी का मान बढ़ाया।
सेठिया ने राजस्थानी के अलावा हिंदी और उर्दू में भी साहित्य रचा। राजस्थानी साहित्य में कन्हैयालाल सेठिया के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। वक्ताओं ने बताया कि कन्हैयालाल सेठिया की मींझर, लीलटांस, मायड़ रो हैलो जैसी कृतियां बेहद लोकप्रिय रही।
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