रजनी छाबड़ा ने राजस्थानी के 76 कवियों की रचनाओं का इंग्लिश में किया अनुवाद
रजनी छाबड़ा की दो पुस्तकों एक्रॉस दा बॉर्डर तथा स्काई इज दा लिमिट का लोकार्पण
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। रजनी छाबड़ा ने राजस्थानी के 76 कवियों की रचनाओं का इंग्लिश में किया अनुवाद, वरिष्ठ साहित्यकार और अनुवादक रजनी छाबड़ा की दो पुस्तकों (राजस्थानी कविताओं के अंग्रेजी अनुवाद एक्रॉस दा बॉर्डर और स्काई इज दा लिमिट) का विमोचन शनिवार को जयनारायण व्यास कॉलोनी में आयोजित कार्यक्रम में किया गया।
पुस्तक एक्रॉस दा बॉर्डर में राजस्थानी के 51 तथा स्काई इज दा लिमिट में 25 कवियों की रचनाओं का अनुवाद किया गया है। लेखिका छाबड़ा ने अनुवाद के लिए राजस्थानी के मूर्धन्य साहित्यकारों सहित नए लेखकों की कविताओं को सम्मिलित किया है।
लोकार्पण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के कोषाध्यक्ष तथा वरिष्ठ कवि कथाकार राजेंद्र जोशी ने कहा कि राजस्थानी कविताओं का अंग्रेजी अनुवाद करते हुए साहित्यकार रजनी छाबड़ा ने राजस्थानी कविताओं को अंतरराष्ट्रीय फलक पर विशेष पहचान दिलाई है।
उन्होंने कहा कि इससे अंग्रेजी साहित्य के पाठकों को राजस्थानी भाषा और साहित्य की गहराई तथा भावों को समझने का अवसर मिलेगा। जोशी ने कहा कि किसी भी रचना का अन्य भाषा में अनुवाद करना बेहद चुनौतीपूर्ण है। इस दौरान रचना की मूल भावना को बचाए रखना सबसे जरूरी होता है।
उन्होंने कहा कि छाबड़ा इस चुनौती पर खरी उतरी हैं। कार्यक्रम अध्यक्ष सहायक निदेशक (जनसंपर्क) हरि शंकर आचार्य ने कहा कि रजनी छाबड़ा के अनुवाद संकलन में विविधता है। यह इसकी सबसे बड़ी खूबी है।
विशिष्ट अतिथि मनीषा आर्य सोनी ने कहा कि राजस्थानी कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद करना मातृभाषा के प्रति सम्मान है। गीतकार राजाराम स्वर्णकार ने कहा कि अनुवाद, दो भाषाओं के पाठकों के बीच सेतु का काम करता है। अनुवाद कर्म, एक रचना को वृहद फलक तक पहुंचाता है।
साहित्यकार डॉ. नीरज दइया ने लेखिका छाबड़ा के अब तक के रचना कर्म पर प्रकाश डाला। इससे पहले छाबड़ा ने कुछ चुनिंदा कविताओं की प्रस्तुति दी। उन्होंने अनुवाद कर्म से जुड़े अनुभव साझा किए।
Share this content: