
बीकानेर। शहर की सड़कों की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। हर क्षेत्र में टूटी सड़कों और गहरे गड्ढों ने आमजन का जीवन मुश्किल कर दिया है। चाहे प्रमुख बाजार हों या रिहायशी इलाके, गड्ढों से भरी सड़कों ने न केवल यातायात को बाधित किया है, बल्कि हादसों का खतरा भी बढ़ा दिया है। बारिश से पहले इन गड्ढों की मरम्मत नहीं हुई तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
मध्यवर्षा के कारण जगह-जगह सड़कें धंस चुकी हैं, जिससे दुपहिया वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। मोहल्लों की गलियों में तो हालत इतनी खराब है कि रोजाना दुर्घटनाएं हो रही हैं। भारी वाहनों की आवाजाही ने सड़कों को और बदतर बना दिया है।


सीवरेज कार्य बना मुसीबत
अमृत-2 योजना के तहत चल रहे सीवरेज कार्य ने शहरवासियों के लिए नई समस्या खड़ी कर दी है। अंबेडकर सर्किल, मेडिकल कॉलेज चौराहा और रानीबाजार आरओबी के आसपास लगातार ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है। छह महीने से कार्य चल रहा है, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ। कार्यस्थलों पर बड़े गड्ढे हादसों को न्योता दे रहे हैं, खासतौर पर रात के समय जब रोशनी कम होती है।
ट्रैफिक समस्या और अतिक्रमण
गड्ढों से पैदा हो रही समस्या के साथ-साथ शहर में अतिक्रमण भी जाम की एक बड़ी वजह बना हुआ है। प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस तैनात तो है, लेकिन वह सिर्फ चालान काटने में लगी दिखाई देती है। यदि नगर निगम और पुलिस मिलकर गड्ढों की मरम्मत और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करें, तो आमजन को बड़ी राहत मिल सकती है।
बारिश के मौसम की आहट के बीच प्रशासन की निष्क्रियता सवालों के घेरे में है। बीकानेर की जनता अब यही पूछ रही है—शहर का चेहरा आखिर कब बदलेगा?
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