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कवियों ने से व्‍यक्‍त की लंपी रोगग्रस्‍त गायों की पीड़ा

Poets expressed the pain of lumpy diseased cows

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा) कवियों ने से व्‍यक्‍त की लंपी रोगग्रस्‍त गायों की पीड़ा, हिन्‍दी और राजस्‍थानी के कवियों ने गुरुवार को बारह गुवाड़ चौक में रमक झमक संस्‍था परिसर में आयोजित समारोह में अपनी रचनाओं के माध्‍यम से लंपी रोगग्रस्‍त गायों की पीड़ा सरकार और समाज के समक्ष रखी।

समारोह के दौरान गायों के प्रति दया भाव दिखाते हुए लंपी रोग से गायों को छुटकारा दिलाने के युद्ध में योद्धा बनकर मैदान में उतरे योद्धाओं का सम्‍मान भी किया गया।

कार्यक्रम में  युवा राजस्थानी कवि विप्‍लव व्यास, के.सी टॉक, संजय आचार्य वरुण, डॉ. मनीषा आर्य सोनी, डॉ. कृष्णा आचार्य,  जुगल पुरोहित, आनन्द मस्ताना, राजाराम स्वर्णकार बाबू बम्म चकरी ने रचनाएं प्रस्‍तुत कीं।

कवि सम्मेलन के दौरान चित्रकार भूरमल सोनी ने कविगणों के कविता पाठ के बीच उनकी कविता के भावों को अपनी पेंटिंग के जरिये लाइव  चित्रण किया। ये चित्र को रमक झमक मार्गदर्शक श्रीमती रामकवरी ओझा को भेंट किए गए।

समारोह के दौरान लंपी रोग से ग्रस्त गोवंश के इलाज व सेवा में लगी संस्था युवा गो सेवा समिति गंगाशहर, खाटू श्याम गो सेवा समिति, सुजानदेसर गो सेवा समिति क्वारंटाइन सेंटर, वंदे मातरम मंच, नागरिक समिति मुरलीधर, सियाणा गो सेवा समिति, प्रधान पांचू, कच्ची आढ़त मंडी बीछवाल के प्रतिनिधियों का सम्‍मान किया गया।

कार्यक्रम में डॉ. अजय जोशी, रतना महाराज,  सोनी, सतीश किराड़ू,  राजेश आचार्य , शिव  कुमार छंगाणी, भंवरला, विकास तंवर ने भी विचार रखे।

लंपी योद्धाओं का हुआ सम्मान

कार्यक्रम में लंपी रोग से गायों को बचाने के प्रयास में जुटे सीताराम जाखड़ डॉ. सूर्यप्रकाश, रामदयाल राजपुरोहित, अनंतलाल व्यास, गिरधारी सुथार, राजेश आचार्य, नुकरा महाराज एवं भीमसेन  भदाणी का रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा भैरु’ ने सम्मानित किया।

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